Patrika

August 2025:

We are sharing with you the August 2025 edition of  Parivartan Patrika. This issue highlights Meena Manch meetings held in 12 middle schools across 47 villages, where adolescent girls openly discussed education, health, nutrition, and gender equality. First-time participants expressed that these dialogues broke hesitation and built confidence to voice concerns. It also features the community staging of Jab Jago Tabhi Savera, a street play on farmers’ struggles with erratic weather, soil fertility, and rising costs, enriched with suggestions from villagers that strengthened the performance. On the sports front, a panchayat-level football tournament was organized from 3–10 August, with Jamapur Royals defeating Gadai Avengers in a thrilling tie-break final. Science learning was advanced through a two-phase workshop held from 18–23 August with 98 students and 20 teachers from 16 schools, where projects addressed local farming, renewable energy, climate change, and everyday innovations. A seminar on animal feed and health gathered 122 farmers and three experts, while National Handloom Day, organized with Sabangi, honored weavers through demonstrations, a master weaver’s talk, and the play Tana Bana. We hope you enjoy reading this edition and look forward to your feedback.

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We are sharing with you the July 2025 edition of Parivartan Patrika. This issue highlights the ward sabhas held in several villages where women actively discussed development needs, education, and safety. It features the community staging of Habib Tanvir’s play Charandas Chor, enjoyed by around 600 audience members. The edition also showcases art exhibitions across schools displaying works created during the summer camp, leadership training competitions that built confidence among students, and health-based play sessions with over 850 children. On the agricultural front, farmers adopted the Super Seeder machine for efficient and eco-friendly paddy cultivation. Finally, SPIC MACAY workshops engaged nearly 2,500 students with performances by sitarist Supratik Sen Gupta and tabla maestro Tirtho Bandopadhyay. We hope you enjoy reading this edition and look forward to your feedback.

We are sharing with you the June 2025 edition of Parivartan Patrika. This issue captures the vibrant energy of the Kamaal Ka Camp summer workshop, where over 600 children from 36 villages honed their skills in sports, music, dance, and art. It also features updates on innovative farming techniques like raised-bed planting to increase crop yield, training sessions for anganwadi workers to make learning more engaging for children, and participation of young athletes in the state-level cycling championship. The issue highlights community celebrations such as the World Music Day event promoting folk traditions, as well as the growing involvement of women farmers in millet and grain cultivation through seed distribution initiatives. We hope you enjoy reading this edition and look forward to your feedback.

We are sharing with you the May 2025 edition of the magazine published by Parivartan. This issue features highlights such as the Bal Sansad elections in schools, nutrition and hygiene awareness workshops, kabaddi training camps, women and adolescent girls’ community sessions, the upcoming Charandas Chor theatre production, and preparation for Kharif crop planning. We hope you enjoy reading it and look forward to your feedback.

We are sharing with you the April 2025 edition of the magazine published by Parivartan. This issue includes highlights from April, such as the kabaddi training camp, village-level workshops for women and adolescent girls, street performances, the Chahakne Ki Lalak event, the launch of Hamar Angana magazine, and methods for selling crop produce. We hope you enjoy reading it and look forward to your feedback.

We are sharing with you the March 2025 edition of the newsletter published by Parivartan. This issue features detailed coverage of key events held in March, such as the Library: Purpose and Practice workshop, a kabaddi tournament for schoolchildren, the Mahila Samagam, the Gharaunde Ki Aur art exhibition, the Natyotsav, and the Rabi Crop Field Day, among others. We hope you enjoy reading it and look forward to your feedback.

परिवर्तन द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पत्रिका के फ़रवरी 2025 का अंक आपके साथ साझा किया जा रहा है l

इस अंक में फ़रवरी माह में हुए महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैस नारी जुटान, बालसंसद वार्षिक कार्य प्रस्तुति कार्यशाला, किसान मेला, विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिता, एनिमेशन कार्यशाला, खेल प्रतियोगिता, नुक्कड़ प्रस्तुति आदी का ब्यौरा दिया गया है । उम्मीद है आपको पसंद आएगी और आपकी प्रतिक्रिया भी मिलेगी l

परिवर्तन द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पत्रिका के जनवरी 2025 का अंक आपके साथ साझा किया जा रहा है l

इस अंक में जनवरी माह में हुए महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैस गणतंत्र दिवस, सब्जी उत्पादन प्रशिक्षण, चहकने की ललक कार्यशाला, कबड्डी दोस्ताना मैच, पॉपअप विज्ञान एवं रंगमंच कार्यशाला, आदी का ब्यौरा दिया गया है । उम्मीद है आपको पसंद आएगी और आपकी प्रतिक्रिया भी मिलेगी l

सामुदायिक खेल इकाई,- उमंग द्वारा खेल के प्रति बच्चों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से समय-समय पर कई सारे ‘छोटे-बड़े कार्यक्रमों का आयोजन लगातार होता रहता है। इस माह दिसम्बर में उमंग दूवारादो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन परिवर्तन में किया गया। दिनांक 6 एवं 7 दिसम्बर 2024 को रोड साइक्लिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य – क्षेत्र के लोगों में साइक्लिंग एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना था।इसरेस की शुरुआत वर्ष 20]9 में की गयी थी। ‘तब से लेकर अभी तक, प्रत्येक वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन होता आया है।

गाँव स्तर पर खेले जाने वाले परम्परिक खेल में एक खेल फुटबॉल का भी है। इस खेल को बढ़ावा देने का प्रयास परिवर्तन द्वारा पिछले 8 वर्षों से किया जा रहा है। इसके लिए समय समय पर कई तरह के छोटे बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। प्रारंभ से अभी तक हम इस खेल का प्रशिक्षण परिवर्तन परिसर में कर रहे थे। कुछ दिनों से अलग अलग विद्यालयों तक भी इसे ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में इस खेल को और विस्तारित करने एवं इस खेल से ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को जोड़ने के उद्देश्य से इसे पंचायत स्तर पर भी ले जाने का निर्णय किया गया। इस विचार के बाद परिवर्तन कार्यक्षेत्र की प्रत्येक पंचायत में खिलाड़ी खोज अभियान शुरू किया गया। रूचि रखने वाले खिलाड़ियों का चयन करके पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के दौरान

परिवर्तन द्वारा समय समय पर किशोर- किशोरियों को खेल से जोड़ने हेतु विभिन्न तरह की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता रहा है। गाँव में खेला जाने वाला सबसे पुराना खेल कबड्डी अब गाँवों में देखने को कम मिलता है। इसके दो प्रमुख कारण हैं;

एक- इस खेल के प्रति जागरूकता का अभाव, दूसरा- इस खेल की तकनीकी जानकारियों का अभाव है। इसको देखते हुए परिवर्तन वर्ष 2018 से इस खेल को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है।

वर्तमान समय में शिक्षा की जरुरत एवं इसके महत्त्व से सब लोग अवगत हैं। हम जानते हैं कि देश के विकास के लिए अधिक से अधिक नागरिकों का साक्षर होना आवश्यक है। साक्षरता उन्नति और विकास को प्रशस्त कर सकती है। लोगों को साक्षरता के महत्त्व और लाभ के प्रति जागरूक करने और शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

हथकरा क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और हमारे देश के ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण भागों में आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत। यह एक ऐसा क्षेत्र भी है जो सीधे तौर पर महिला सशक्तिकरण को संबोधित करता है, जिसमे 70 फीसदी से अधिक बुनकर और इससे सम्बन्ध रखने वाले, श्रमिक महिलाएं हैं। प्रकति

परिवर्तन रंगमंडली अपने नियमित प्रदर्शन के साथ साथ अपने टीम के सदस्यों की क्षमतावृद्धि के लिए हमेशा ही कुछ और नया विषय खोजने एवं उसपर नाटक तैयार कर लोगों के बीच प्रस्तुत करने का काम करती रही है। इसके लिए समय समय पर अनुभवी एवं कुशल रंगमंच विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाता है एवं उनके द्वारा रंगमंच के अलग अलग आयामों का कौशल सिखाने का प्रयास किया जाता है। इसी को देखते हुए मई – जुलाई माह के बीच 29 दिवसीय क्षमता विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया।

परिवर्तन हरियाली कृषि ज्ञान केंद्र द्वारा समय समय पर किसानों के साथ कई छोटे बड़े कार्यक्रम एवं कार्यशालायें आयोजित की जाती हैं ताकि किसानों को नयी-नयी जानकारियों से अवगत करवाया जा सके। इसी कड़ी में दिनांक 13 जून 2024 को ग्राम गोंठी में समेकित पोषक तत्त्व प्रबंधन विषय पर गोष्ठी सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में 68 किसानों की भागीदारी रही जिसमें महिला एवं पुरुष किसान शामिल रहे।

देखने में आया हैं कि ज्यादातर पत्रिकाएं बड़ों कि लिए होती हैं। इन पत्रिकाओं में बच्चों के लिए न के बराबर सामग्री होती है। ऐसे में बच्चों कि रुचि को पोषित कर बच्चों को खबर बनाने और पढ़ने कि दिलचस्प सामग्री जुटाने हेतु परिवर्तन द्वारा प्रत्येक तीन माह पर एक कार्यशाला आयोजित कि जाती है जिसका नाम है चहकने की ललक कार्यशाला।

अक्सर देखा गया है कि अपने वोट के प्रति बहुत से ग्रामीण उदासीन रहते हैं और यह समझते हैं कि सिर्फ एक मेरे वोट से कोई बदलाव नहीं होने वाला है या वोट दे देने से कोई बदलाव नहीं होता।कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्हें बेहतर प्रत्याशी का चयन कैसे किया जाये यह नहीं मालूम। इसीलिए वे जाति एवं धर्म के नाम पर वोट डालते हैं। कुछ लोग किसी खास पार्टी को महत्त्व देते हैं चाहे वह पार्टी किसी भी तरह देश को चलाये।कुछ पैसो के लालच में अपने वोट को बेच देते हैं और बाद में पछताने के अलावे कुछ भी हासिल नहीं होता।वर्तमान में बैलेट पेपर से चुनाव न होकर इवीएम से चनाव हो रहे हैं। आज भी कुछ ऐसे

परिवर्तन कार्यक्षेत्र के कुल 11 मध्य विद्यालयों में बाल संसद का चुनाव परिवर्तन के सहयोग से लोकतांत्रिक प्रक्रिया अर्थात गुप्त मतदान से करवाया गया। सभी चयनित बाल सांसदों को उनकी जिम्मेवारियों के प्रति जागरूक करने एवं एक साल की कार्य योजना निर्माण के लिए परिवर्तन परिसर में एक कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला के दौरान बनाई गई योजना के अनुसार सभी बाल सांसदों ने अपने अपने विद्यालयों के लिए कार्य करना शुरू किया। सभी के साथ नियमित रूप से जुड़ाव रखकर विद्यालय स्तर पर अपनी जिम्मेवारियों के तहत कुछ न
कुछ करने हेतु लगातार प्रोत्साहित किया गया। निर्वाचित बाल सांसद- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सभी सदस्यों ने जितना हो सका अपने विद्यालय एवं बच्चों के लिए कार्य किया। इस कार्य के बाद उनमे नेतृत्व कौशल की रौशन झलक दिखी।

भारत के कई हिस्सों के समाज में महिलाओं को उचित अधिकार प्राप्त नहीं है एवं उन्हें पुरुषों से कमतर समझा जाता है। आज भी महिलाएँ लैंगिक पक्षपात, असमानता एवं घरेलू हिंसा की शिकार हैं। महिलाओं को समानता के अधिकारों एवं सशक्तिकरण की जानकारी से अवगत करवाने के उद्देश्य से वर्ष 2013 में परिवर्तन द्वारा जागृति महिला समाख्या का कार्यक्रम शुरू किया गया एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा एवं आर्थिक सशक्तिकरण विषय पर गहराई से काम करना प्रारंभ हुआ।

साइकिल चलाने को लेकर लोगो को जागरूक करने का प्रयास परिवर्तन द्वारा वर्ष 2019 से लगातार किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक वर्ष किशोर किशोरियों एवं युवाओं के साथ साइकिल रेस का आयोजन किया जाता है ताकि उन्हे साइकिल चलाने के महत्त्व से रूबरू किया जा सके। साइकिल की सवारी से पैरों की मांसपेशियां, शरीर के निचले हिस्से और ऊपर के हिस्से की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं। इससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और यह सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ाता है। साइकिल चलाने से मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होता है और डिप्रेशन, चिंता
और तनाव कम करने में मदद मिलती है।

स्कूली बच्चों में रंगमंच कौशल को बढ़ावा देने एवं इसमें रूचि रखने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रंगमंडली द्वारा समय समय पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों के साथ कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इसी उद्देश्य से इस वर्ष भी दिनांक 15-31 दिसम्बर 2023 के बीच रंगमंडली द्वारा स्थानीय दो विद्यालयों- मध्य विद्यालय बेलही पूरब एवं मध्य विद्यालय बलिया के कुल 53 बच्चों के साथ रंगमंच कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला मुख्य रूप से सीखने सिखाने की प्रक्रिया पर आधारित थी। सीखने की प्रक्रिया की दो मुख्य विशेषतायें

परिवर्तन द्वारा गाँव स्तर पर खेले जाने वाले पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास होता आया है। इसके लिए समय-समय पर अनेक खेल प्रतियोगिताएं एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में पारंपरिक खेलों के प्रति बच्चों में चाह पैदा करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष गली ओलम्पिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें आसपास के विद्यालयों से बच्चे अलग-अलग गतिविधियों में भाग लेते हैं।

परिवर्तन की विभिन्न गतिविधियों का सञ्चालन गांधी जी के विचारों एवं उनके द्वारा दिए सन्देश का अनुसरण करके ही किया जाता है इसलिए उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने एवं उनके दिए संदेश को फैलाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष गांधी जयंती समारोह का आयोजन किया जाता है।

शिक्षाविद, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का सम्पूर्ण जीवन, समाज को शिक्षित करने में बीता। उन्ही का स्मरण करने और राष्ट्र निर्माण के मार्गदर्शक – शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए
प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है। परिवर्तन द्वारा भी प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस केअवसर पर परिवर्तन से जुड़े शिक्षकों के लिए सुंदर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम
उपरांत प्रत्येक वर्ष शिक्षको के साथ उनकी जिम्मेवारियों से जुड़े विषय पर चर्चा की जाती है। इस वर्ष भी दिनांक 5 सितम्बर 2023 को परिवर्तन परिसर में शिक्षक दिवस का कार्यक्रम
आयोजित किया गया।

देश के सामाजिक आर्थिक विकास में कपड़ा उद्योग का अहम् योगदान है उसमें हथकरघा उद्योग का विशेष रूप से योगदान है। लघु एवं मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने एवं बुनकर समुदाय को सम्मानित एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। भारत की हथकरघा परंपरा को बढ़ावा देना एवं इसे संरक्षित करना भी वर्तमान समय में बहुत आवश्यक है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए परिवर्तन की तरफ से भी प्रत्येक वर्ष हथकरघा दिवस मनाया जाता है।

आज हमारे देश में बेलगाम बढ़ती जनसँख्या विकट चुनौती बनी हुयी है। विकास का रथ एक अरब से भी अधिक जनसँख्या को ढ़ोने में असहाय-सा दिखाई दे रहा है। भारत की जनसँख्या में अनियंत्रित वृद्धि सारी समस्याओं का मूल कारण बनी हुयी है। गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, अपराध वृद्धि, तनाव, असुरक्षा सभी जनसँख्या वृद्धि के ही परिणाम है। जनसँख्या वृद्धि के कारण अर्थवयवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

प्रत्येक बच्चे को उत्प्रेरणा, शिक्षा, खेल-कूद, मनोरंजन और संस्कृतिक क्रियाकलापों के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और संवेदनात्मक विकास का अधिकार है ताकि वह अपने व्यक्तित्व का विकास अपनी सर्वोतम क्षमता के अनुसार कर सके। यह उनका संवैधानिक, मौलिक अधिकार भी है। समेकित ग्रामीण विकास हेतु प्रयासरत- संस्था परिवर्तन, विभिन्न विद्यालयों एवं 36 गाँवों के बच्चों के साथ जुड़कर इसी क्षमता विकास पर लगातार काम कर रही है। बदलाव दिख रहे हैं और कुछ बड़े बदलाव भविष्य में निश्चित ही दिखेंगे।

दिनांक 10 मई 2023 को परिवर्तन विज्ञानशाला के सहयोग से मध्य विद्यालय भरौली में विज्ञान मेला का आयोजन किया गया। मेला मे विद्यालय के कक्षा 6-8 के छात्र/छात्राओं ने विज्ञान के सिद्धांत पर आधारित 17 मॉडल/प्रयोग तैयार किये। जितने भी बच्चों ने अलग-अलग मॉडल बनाये थे उसमे से कुल 40 बच्चों को मेले के दिन प्रस्तुतीकरण के लिए चयनित किया गया था। प्रत्येक मॉडल पर दो छात्रों को प्रदर्शन हेतु

पुस्तकालय उद्देश्य एवं अभ्यास पर आधारित कार्यशाला का आयोजन बुकवर्म संस्था गोवा द्वारा दिनांक 11-15 अप्रैल 2023 तक परिवर्तन परिसर में किया गया। इस प्रशिक्षण में कुल 7 राज्यों से कुल 25 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण से पूर्व सभी सदस्यों का, परिवर्तन द्वारा समुदाय विकास के लिए किये जा रहे विभिन्न प्रयासों का सभी अवलोकन कराया गया एवं उसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी।

बालमंच बच्चों के लिए, बच्चों द्वारा बनाया गया एक एक ऐसा मंच है जहाँ कला की अलग-अलग विधाओं को समान स्थान दिया जाता है। हर एक इन्सान में दूसरे से अलग कुछ ख़ासियत होती है। यह ख़ासियत ही उसे दूसरे इन्सान से अलग बनाती है।

महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में परिवर्तन अपने आरंभिक दौर से ही प्रयासरत रहा है। परिवर्तन से लगभग 2800 महिलाएं जुड़कर अलग-अलग 5 विषयों – शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा आर्थिक सशक्तिकरण एवं पंचायती राज में जागरूक एवं सशक्त हो रही हैं। परिवर्तन से जुड़ी सभी महिलाओं के साथ परिवर्तन में एक वार्षिक चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसका नाम नारी जुटान है।

पर्यावरण संरक्षण एवं साइक्लिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु किशोर किशोरियों एवं युवक युवतियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से परिवर्तन द्वारा प्रत्येक वर्ष साइकिल रेस का आयोजन किया जाता है।

परिवर्तन द्वारा कबड्डी खेल को बढ़ावा देने हेतु लगातार प्रयास किया जाता रहा है; नियमित रूप से खिलाड़ियों का प्रशिक्षण करवाना, बाहर से कुशल प्रशिक्षक बुलाकर कैम्प आयोजित करना और राज्य के विभिन्न स्थानों पर
आयोजित होने वाली कबड्डी प्रतियोगिताओं में शामिल होना ऐसे कुछ उठाए गए कदम हैं।

कहते हैं कि जड़ से जुड़े पेड़ ही पल्लवित और पुष्पित होते हैं इसलिए मनुष्य रूपी पेड़ को अपने जड़ से जुड़ा होना जरुरी है। इसी सोच के तहत परिवर्तन और दिल्ली पब्लिक स्कूल पटना के संयुक्त तत्वाधान में गाँव से जुड़ाव कार्यक्रम प्रति वर्ष आयोजित किया
जाता है जो परिवर्तन के लिए साल का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है। इस बार यह कार्यक्रम दिनांक 09-14 अक्टूबर 2022 को आयोजित किया गया। इसके लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल पटना के 11 वीं कक्षा के 170 बच्चे एवं कुछ शिक्षक परिवर्तन आये।

आज के व्यस्तता भरे जीवन में हम कहीं न कहीं पोषण से संबंध नहीं बना पा रहे हैं। हम जानते हैं कि पोषण व्यक्ति के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अतः परिवर्तन का यह विचार है कि कार्यक्षेत्र में उपस्थित
संसाधनों का उपयोग कर पोषण युक्त भोजन का
दिनचर्या में समावेश करने के प्रति लोगों को जागरूक
करना आवश्यक है।

खेल मन में मित्रता और टीम भावना विकसित करता है। खेल के क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ाने हेतु परिवर्तन द्वारा प्रारंभ से प्रयास किया गया है। खेल दिवस के अवसर पर परिवर्तन द्वारा वैसे खिलाड़ियों को उपहार देकर सम्मानित किया जाता है, जो राज्यस्तरीय, जिलास्तरीय एवं राष्ट्र स्तरीय खेलों में भाग ले चुके हों।

फुटबॉल से जुड़े खिलाड़ियों को नियमित प्रशिक्षण के दौरान, सिखाये गए स्किल को जांचने हेतु समय समय पर समय पर दूसरी टीमों के साथ दोस्ताना मैच खेलवाया जाता है। इसी उद्देश्य से दिनांक 17 जुलाई 2022 को परिवर्तन परिसर में फुटबॉल दोस्ताना मैच का आयोजन करवाया गया। यह मैच परिवर्तन बॉयज फुटबॉल क्लब नरेन्द्रपुर बनाम न्यू अंसार फुटबॉल क्लब नरेन्द्रपुर के बीच खेला गया। मैच काफी रोमांचक था।

हमारे आस पास बहुत ऐसी वस्तुएं होती हैं व जिनका हमारे जीवन में उपयोग नहीं होता है। वह घर के एक कोने में पड़े पड़े कबाड़ का रूप ले लेती हैं। अब सवाल उठता है कि इस कबाड़ का क्या करें ? घरौंदा इकाई द्वारा इस कबाड़ को फिर से इस्तेमाल करने हेतु एक तरीका अपनाया गया है। जिसके तहत समुदाय में कार्यशाला का आयोजन किया जाता है जिसका नाम है कबाड़ से जुगाड़ कार्यशाला।

झरोखा – शिक्षा की उप इकाई है। यहाँ 9-14 साल के बच्चों को कंप्यूटर के माध्यम से भाषा सिखाई जाती है। ऑनलाइन अप्लिकेशन डूओलिंगो के माध्यम से सभी बच्चों की भाषा को समृद्ध करने का प्रयास किया जाता है। एक निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार कुल 6 माह तक बच्चे नियमित क्लास करते हैं एवं अपने पाठ्यक्रम को पूरा करते हैं।

समेकित विकास को समर्पित संस्था परिवर्तन द्वारा प्रत्येक वर्ष गतिविधि शिविर का आयोजन किया जाता है ताकि सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को नयी नयी एवं रोचक गतिविधियों
से रूबरू करवाया जा सके साथ ही विभिन्न गतिविधियों के प्रति उनमें रूचि पैदा की जा सके। इसी उद्देश्य से वर्ष 2018 से प्रत्येक वर्ष यह आयोजन होता आया है।

परिवर्तन अपने कार्यक्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए कई कार्यक्रम एवं गतिविधियों का सञ्चालन कर रहा है और सेविका प्रशिक्षण भी उनमें शामिल है।

कला संकाय घरौंदा द्वारा प्रयास किया जाता है
कि वो बच्चों के मन में कला के प्रति ललक पैदा
करेI हमारे देश भारत में एक से एक कलाकार
हुये हैं जिनका नाम सदियों तक स्वर्णिम अक्षरों
में लिखा जायेगाI उन कलाकारों के बारे में जाने
बिना तथा उनके संघर्षों और उपलब्धियों से
प्रेरणा लिए बिना एक सफल कलाकार बनना
थोड़ा मुश्किल हैI

परिवर्तन विज्ञानशाला विज्ञान विषय के अंतर्गत प्रायोगिक संभावनाओं से बच्चों एवं शिक्षकों को जोड़ने के लिए लगातार कार्यशाला कर रहा है। इस प्रयास के अंतर्गत दिनांक 6-8 दिसम्बर 202। तक विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य रूप से कक्षा 6-0 वर्ग के बच्चे एवं विज्ञान शिक्षक सम्मिलित किये गए जिसमें आंदर एवं जीरादेई प्रखंड के कुल 30 विद्यालयों से 325 छात्र/छात्राएं एवं 25 शिक्षक शामिल थे। इस कार्यशाला में दिल्‍ली पब्लिक स्कूल पटना से श्री विनय कुमार, श्री शिवेश प्रकाश भौतिक विज्ञान विशेषज्ञ के रूप में एवं श्री निरशशोस सागर रसायनविज्ञान विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। ये तीनों शिक्षक नवीन (इनोवेटिव) विज्ञान शिक्षक के रूप में भी जाने जाते हैं उन्हीं की देखरेख में कार्यशाला संपन्न हई।

बालदिवस जैसा कि नाम से ही भाव स्पष्ट होता है -बच्चों कादिन होता है। अतः बच्चों के ही अनुकूल यानि उनको पसंद आने वाली गतिविधियों में उनकी सहभगिता एवं हिस्सेदारी के साथ यह दिन परिवर्तन परिसर में मनाया गया। खेलते बच्चे, पढ़ते बच्चे ! इस थीम से जुड़े कार्यक्रम में बच्चों की रचनात्मकता एवं जिज्ञासा को बढ़ावा देने वाली गतिविधियाँ आयोजित की गयीं।

कबड्डी जैसे पारंपरिक खेल को बढ़ावा देने एवं कबड्डी के क्षेत्र में बच्चों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कबड्डी महासंग्राम का आयोजन दिनांक 5-7 अक्टूबर 202 के बीच परिवर्तन परिसर के खेल मैदान में किया गया। इस प्रतियोगिता में सिवान, छपरा, महाराजगंज एवं गोपालगंज से कुल 8 टीमों ने भाग लिया। इस महासंग्राम का फाइनल मुकाबला दिनांक 07.0.2027 को राजपुर बनाम सुंदरी टीम के बीच खेला गया। राजपुर टीम न बेहतर प्रदर्शन करते हुए मैच 2। अंकों से जीता और ट्राफी अपने नाम की। विजेता टीम के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए 5000 रूपये नगद राशि पुरस्कार में प्रदान की गई। उप विजेता टीम को भी ट्राफी, मेडल के साथ- साथ 3000 रूपए पुरस्कार दिया गया। मैच का शुभारम्भ दिनांक 5 अक्टूबर 2027 को उड़ान खेल मैदान में किया गया। मैंच में कुल 8 टीमों ने भाग लिया । इस मैच में मुख्य अतिथि के रूप में सिवान जिलां के कबड्डी सचिव सहित कई समाजसेवी एवं खेल प्रेमी उपस्थित थे।

शिक्षा हर व्यक्ति के लिए आवश्यक ही नहीं बल्कि यह उसका हक़ भी है।
किसी भी प्रकार की सफलता एवं जीवन जीने के लिए शिक्षा बहुत
महत्वपूर्ण है। भारत से या देश दुनिया से गरीबी को मिटाना, बाल मृत्युदर
को कम करना, जनसँख्या वृद्धि को नियंत्रित करना, लैंगिक समानता को
प्राप्त करना आदि कुरीतियों को जड़ से ख़त्म करने की क्षमता, शिक्षा और
शिक्षित समाज से ही संभव है। मानव विकास और समाज के लिए उनके
अधिकारों को जानने और शिक्षा की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के
उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। शिक्षा के
प्रसार हेतु एक छोटा प्रयास परिवर्तन द्वारा प्रत्येक वर्ष कहानी पाठ के
माध्यम से किया जाता है।

दिनांक 24 अगस्त 2021 को स्थानीय किशोरियों द्वारा सफ़दर
हाशमी लिखित नाटक “औरत” की प्रस्तुति, परिवर्तन परिसर में की
गयी। इस प्रस्तुति में भरौली, जामापुर, बंथू श्रीराम, बड़हुलिया टोला
की किशोरियां शामिल हुईं। कोरोना सुरक्षा निर्देशों का ध्यान रखते हुए
इसे ऑनलाइन प्रस्तुत किया गया। इस ऑनलाइन प्रस्तुति में 20
स्थानीय किशोरियों एवं कुछ महिलाओं को दर्शकों के रूप में आमंत्रित
किया गया था। दर्शकों का कहना था-” प्रस्तुति देख कर हमें भी पुरुष
प्रधान समाज से अपना हक़ एवं अधिकार माँगने की आकांक्षा हुई।

लोक कला की अपनी एक अलग महत्ता है। यह कला किसी
विद्यालय या विश्वविद्यालय में नहीं सिखायी जाती। यह कला हमें
अपने पूर्वजों से धरोहर के रूप में प्राप्त हुयी है। यही लोककला है
जो हर क्षेत्र को एक अलग पहचान दिलाती है। अपनी संस्कृति,
सभ्यता और परम्परा के तौर पर । हर देश, हर राज्य की अपनी
अलग-अलग कला एवं चित्रकला होती है। दिनांक 27-28 जुलाई
को परिवर्तन के संगत प्रिसर में आयोजित लोक कला संगोष्ठी में
कार्य क्षेत्र के कुल 32 बच्चों ने हिस्सा लिया एवं अपने देश के
अलग-अलग राज्यों की 14 लोक कलाओं को करीब से देखा, जाना
एवं कुछ सीखने का प्रयत्न किया।

परिवर्तन द्वारा अपने समुदाय में लोक संगीत को
समृद्ध करने एवं इसके महत्त्व के प्रति लोगों को
जागरूक करने का कार्य शुरू से होता आया है।
विश्व संगीत दिवस के अवसर पर प्रति वर्ष
परिवर्तन परिसर में गीत संगीत एवं नाटक की
प्रस्तुति दी जाती है।

कहानी सुनना, सीखने-सिखाने की सबसे
पुरानी और प्रभावशाली विधि है। इसके शैक्षिक
महत्त्व को शिक्षाविदों व् बाल साहित्यकारों द्वारा
बार-बार रेखांकित किया जाता है। कहानियां
कल्पनाशीलता को बढ़ाती है और बच्चों को
आनंदित करती है। कहानी से बच्चे सब्र से
सुनना, अनुमान लगाना, कहानी के पात्रों एवं
घटना क्रम को याद रखना तो सीखते ही हैं
इससे उनकी एकाग्रता व् स्मरण शक्ति का भी
विकास होता है।

लोकरंग सांस्कृतिक समिति कुशीनगर द्वारा पिछले
14 वर्षों से भड़ैती के खिलाफ एवं लोक संस्कृति को
बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाता
रहा है। इस कार्यक्रम में पिछले चार वर्षों से
सामुदायिक रंगमंच (परिवर्तन रंगमंडली, नरेन्द्रपुर
सिवान) अपने नाटकों एवं गीतों के साथ भागीदारी
करती आई है। बीते 10 और 11 अप्रैल 2021 को
रंगमंडली भी अपने गीतों की प्रस्तुति के लिए आमंत्रित
थी।

परिवर्तन द्वारा कुल 21 गाँवों के बच्चों एवं शिक्षकों के लिए गतिविधि शिविर का आयोजन दिनांक 15-20 मार्च 2021 तक किया गया। इस शिविर में कुल 17 गतिविधियां बच्चों को सिखायी
गईं- फुटबॉल, कबड्डी, वॉलीबॉल, साईक्लिंग, हैण्डबॉल, एथलेटिक्स, चित्रकला, मूर्तिकला, छापाकला, शास्त्रीय संगीत, कत्थक, विज्ञान प्रयोग, कंप्यूटर ज्ञान, कठपुतली, कहानी पाठ एवं नाटक करना भी सिखलाया गया। इस शिविर को प्रत्येक वर्ष गर्मी की छुट्टी के समय बच्चों के लिए आयोजित किया जाता था पर इस वर्ष यह आयोजन थोड़ा पहले कराने की योजना बनी क्योंकि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सारे स्कूल कॉलेज बंद हो गए थे।

समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए जुलाई 2013 में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को शुरू किया गया | इस कार्यक्रम के प्रभाव को देखने के लिए जनवरी 2014 में
परिवर्तन द्वारा पहले नारी जुटान कार्यक्रम का आयोजन किया गया और तब से आज तक इस जुटान कार्यक्रम में हजारों की संख्या में महिलाओं की भागीदारी होती आयी है | इस दिन महिलायें एक साथ परिसर में इकट्ठा होती हैं, नवीन जानकारियों से अवगत होती हैं तथा सशक्तिकरण के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान से भी परिचित होती हैं । यह उत्सव साल में एकबार मनाया जाता हैं |

सामुदायिक खेल उमंग के तहत साइक्लिंग हेतु किशोर/किशोरियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाता हैं। इस प्रशिक्षण में परिवर्तन कार्यक्षेत्र की आठों पंचायतों से प्रतिभागी भाग लेते हैं। प्रशिक्षण के बाद सभी प्रतिभागी नियमित अभ्यास करते हैं। समय-समय पर ट्रायल रेस भी करवायी जाती है ताकि उनकी प्रस्तुति को देखा जा सके एवं आगे के लिए रेस संबंधित रणनीति बनाई जा सके।

भारत के पहले राष्ट्रपति, देशरत्र डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर परिवर्तन परिसर में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का वार्षिक आयोजन दिनांक 3 दिसम्बर 2020 को किया गया। इस प्रतियोगिता के आयोजन के पीछे का मुख्य उद्देश्य, आज की पीढ़ी को डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जीवनी एवं उनकी उपलब्धियों से अवगत कराना था। प्रत्येक वर्ष इस कार्यक्रम में विद्यालयों से बच्चों की सहभागिता रहती थी पर इस वर्ष विद्यालयों के बंद होने की वजह से बच्चों की सहभागिता विद्यालयों से नहीं हो सकी। ऐसे में परिवर्तन टीम के सहयोग से निजी कोचिंग संस्थानों एवं गाँव के बच्चों से सीधा संपर्क किया गया और प्रत्येक गाँव से कुल 5 बच्चों को आमंत्रित किया गया।

दिनांक 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पूरे विश्व में बड़े धूम- धाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है ताकी लोगों को साक्षरता के महत्त्व के बारे में बताया जा सके साथ ही साथ आज के समय में हमारे लिए पढ़ाई कितनी आवश्यक है यह बताया जा सके। इसी बात का ध्यान रखते हुए प्रत्येक वर्ष परिवर्तन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है एवं कहानी पाठ के ज़रिए विद्यालय एवं समुदाय के बच्चों को साक्षरता के महत्त्व के बारे में जागरुक किया जाता है। चूंकि इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सभी शिक्षण संस्थान बंद थे तो तय हुआ- समुदाय के सीमित बच्चों के साथ कहानी पाठ सत्र का आयोजन किया जाये ताकि पढ़ाई-लिखाई के प्रति उनका ध्यान आकृष्ट किया जाये साथ ही साथ इसके महत्त्व को समझाया जा सके। परिवर्तन टीम द्वारा प्रत्येक वर्ष “प्रथम बुक्स” प्रकाशन द्वारा प्रदत्त किताबों से कहानी पाठ किया जाता था एवं कहानी पर बच्चों के साथ चर्चा भी की जाती थी। इस वर्ष परिवर्तन पुस्तकालय में उपलब्ध किताबों में से तक्षशिला जुगनू प्रकाशन की किताब “तारिक का सूरज” का चयन किया गया।

व्यवहार परिवर्तन एक ऐसा विषय है जिससे हमारा मानसिक एवं शारीरिक विकास प्रभावित होता है। व्यवहार परिवर्तन मतलब हमारी आदतों में परिवर्तना बचपन से लेकर व्यस्क होने तक मनुष्य के पास कई ऐसी आदतें होती हैं जिसे हम जानने के बावजूद भी बदलने का प्रयास नहीं करते- जैसे कहीं भी खैनी, गुटखा थूकना, खुले में शौच करना, पॉलिथीन आदि का लगातार उपयोग करना आदि। वर्तमान समय में दुनिया के लगभग 200 देशों में कोरोना नामक संक्रमण पैर पसार चुका है। रात- दिन टेलीविजन और सोशल मिडिया पर इसके बचाव के उपाय सुझाये जा रहे हैं, लेकिन आम जनता खासकर ग्रामीण जनता में इससे बचाव के नियमों आदि को लेकर जागरूकता का अभाव है। ग्रामीण जनता टेलीविज़न पर आने वाले ‘कोरोना जागरूकता’ के प्रचार को नहीं देख रही है।

देश दुनिया के लोग कोरोना जैसी भयावह महामारी से बचने हेतु विभिन्न प्रकार के नियमों का पालन कर रहे हैं एवं इस महामारी की बढ़ती संभावनाओं को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में समेकित विकास के लिए समर्पित संस्थान परिवर्तन के द्वारा भी अपने कार्य क्षेत्र के 7 पंचायतों के कुल 2। गाँव में इस महामारी से बचाव हेतु जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। परिवर्तन के साथी विशेष सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अलग अलग गाँवों में भ्रमण कर लोगों से मिले एवं उन्हें इस महामारी से बचाव हेतु आवश्यक जानकारियों से अवगत करवाया। बैनर एवं साउंड सिस्टम के साथ गाँव-गाँव में भ्रमण किया गया।

समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से जुलाई 2073 में परिवर्तन द्वारा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम “जागृति महिला समाख्या” शुरू किया गया। इस कार्यक्रम के प्रभाव को देखने के लिए जनवरी 2074 में पहली बार नारी जुटान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस जुटान में हजारों-हजार महिलाओं की भागीदारी होती है।

पर्यावरण संरक्षण एवं साइकिलिंग के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के उदेश्य से परिवर्तन द्वारा दिनांक 23- 24 जनवरी 2020 को साइकिल रेस का आयोजन किया गया। इस रेस में परिवर्तन कार्य क्षेत्र के 38 गाँवों एवं 42 सरकारी विद्यालयों से लगभग 400 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस रेस में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों ‘तक विद्यालयों द्वारा पंजीकरण फॉर्म पहुंचाए गये, जिसमें अलग- अलग उम्र के लड़के एवं लड़कियों ने पंजीकरण करवाया। दिनांक 23 जनवरी की रेस सभी बालक वर्गों के लिए आयोजित की गयी थी, वहीं 24 जनवरी की रेस बालिका वर्गों के लिए थी। इस रेस की तकनीकी जानकारियाँ साइकिलिंग असोसिएशन ऑफ़ बिहार के अधिकारियों द्वारा दी गयी एवं इस रेस को संपन्न करने में उनका भरपूर सहयोग मिला।

श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र पटना के सहयोग से दिनांक 2-3 दिसम्बर 209 तक द्वारा श्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह दो दिवसीय प्रदर्शनी थी जो पहले दिन दो सत्रों में परिवर्तन परिसर में लगायी गयी। प्रथम सत्र में 6 विद्यालयों से कुल 244 छात्र /छात्राओं एवं 4 शिक्षकों ने हिस्सा लिया एवं दूसरे सत्र में 4 विद्यालयों से 44 छात्र / छात्राओं एवं 4 शिक्षकों ने हिस्सा लिया। प्रथम दिन मुख्य रूप से बच्चों के साथ प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र की तरफ से प्रमाणपत्र दिये गये। इस प्रतियोगिता में रसायन शास्त्र एवं भौतिकी से जुड़े चार प्रयोग- परीक्षण किये गए जिसके बाद सभी बच्चे कतारबद्ध होकर भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी वाली बस तक गए एवं अनेक प्रयोगों को काफी नजदीक से देखा एवं समझा।

अपने कार्य कार्य क्षेत्र में रहने वाले युवाओं एवं युवतियों को विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने के लिए परिवर्तन हमेशा से प्रयासरत रहा है। शहर से दूर इस ग्रामीण क्षेत्र के नौजवानों में साइक्लिंग के प्रति जब किसी भी प्रकार की समझ नहीं थी, तब परिवर्तन ने साइकिल रेस आयोजित कर इन युवाओं में नव चेतना का सृजन किया।

परिवर्तन का हमेशा से यह प्रयास रहता है कि वो अपने आस-पास के समुदाय के बच्चों और अभिभावकों को अपनी लोक कला से जोड़ सके। इसी प्रयास के तहत परिवर्तन की घरौंदा इकाई समय- समय पर अलग- अलग प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन करती आयी है। इस वर्ष की पहली कार्यशाला ‘मधुबनी पेंटिंग कार्यशाला’ रही। इसका आयोजन दिनांक 27 जून से जुलाई तक किया गया। इस कार्यशाला में परिवर्तन के 2] गांवों से 00 बच्चों तथा 8 किशोरियों ने भाग लिया।

परिवर्तन घरौंदा द्वारा ‘कबाड़ से जुगाड़’ कार्यशाला का आयोजन दिनांक 6-8 मार्च 209 तक मध्य विद्यालय भवराजपुर में किया गया जिसमें मध्य विद्यालय गोंठी के बच्चे भी शामिल हुए। इस कार्यशाला का उद्देश्य अपने आस-पास की अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग कर उनसे कला का सृजन करना था। कबाड़ से विज्ञान से जुड़े विभिन्न मॉडल भी बनाना संभव है यह द्शनि के लिए कबाड़ से विज्ञान के मॉडल भी बनाना सिखाया गया। कबाड़ से जुगाड़ कार्यशाला में भवराजपुर और गोंठी विद्यालय के कुल प्रतिभागी बच्चों की संख्या 54 थी।

अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर परिवर्तन कार्य क्षेत्र में आने वाले कुल 20 सरकारी विद्यालयों में प्रथम संस्थान द्वारा प्रदत्त किताब “कचरे का बादल” से कहानी कहने का सत्र आयोजित किया गया। छात्रों को स्वच्छता और स्वच्छता के महत्त्व के बारे में जागरूक करके साक्षरता का जश्न मनाने का विचार था। प्रत्येक स्कूल में कहानी पाठ हुए एवं इसके बाद अपने पर्यावरण को साफ़ सुथरा रखने के विभिन्न तरीकों से अवगत करने के लिए सभी के साथ अलग-अलग प्रकार की गतिविधियां भी की गयीं।

दिनांक क2-9 जुलाई 2078 तक परिवर्तन सामुदायिक खेल उमंग द्वारा फुटबॉल टूर्नमेंट का आयोजन, परिवर्तन परिसर नरेन्द्रपुर में किया गया जिसमें आठ टीमों ने भाग लिया। टूर्नामेंट का उद्घाटन 2 जुलाई को परिवर्तन फुटबॉल ग्राउंड में हुआ। परिवर्तन और परिवर्तन के कार्यों के परिचय के बाद सभी खिलाड़ियों का परिचय एक दूसरे से हुआ। पहला मुकाबला जमालहाता और आंदर टीम के खिलाड़ियों के बीच हुआ। रेफरी द्वारा दोनों टीमों के खिलाड़ियों को प्रशासनिक नियम के साथ ग्राउंड में प्रवेश कराया गया। जमालहाता के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते हुए मैच 2-0 के स्कोर से जीत गये।

दिनांक 8 जून 2078 को खरीफ कार्यशाला का आयोजन हरियाली कृषि ज्ञान केंद्र में किया गया। इस कार्यशाला में 76 किसानों ने भाग लिया। कार्यशाला की अध्यक्षता श्री चंदेश्वर सिंह, अध्यक्ष परिवर्तन किसान क्लब ने की, सभी किसानों का स्वागत करते हुए क्लब से जुड़कर हरियाली कृषि ज्ञानकेंद्र से तकनीकी ज्ञान अर्जित कर अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया। डॉ ए एन तिवारी ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य ‘फसलौोत्पादन के तकनीकी एवं प्रभावी बिन्दुओं को फोकस करना एवं संसाधनों के मद्देनजर खरीफ की रणनीति बनाना, जिससे हमारी उत्पादकता में वृद्धि हो सके।

बच्चों के विकास पर काम करने वाली संस्था स्लम सॉकर के द्वारा दिनांक 20-22 अप्रैल 208 को कोलकाता में आयोजित फुटबॉल यूथ प्रशिक्षण में परिवर्तन से जुड़े कुछ युवाओं को भाग लेने का मौका मिला। यह प्रशिक्षण कुल 3 दिनों तक चला जिसमे अलग-अलग सात राज्यों जैसे बिहार, मणिपुर, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, असम और बंगाल से आये 37 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। बिहार की तरफ से परिवर्तन “उमंग” के उपेन्द्र कुमार सिंह, राजकेश्वर कुमार, निशु कुमारी, पंकज कुमार, संजू कुमारी एवं सीमा कुमारी ने हिस्सा लिया।

टाटा इंस्टिट्यूट आफ सोशल साइंस, मुंबई के आमंत्रण पर परिवर्तन रंगमंडली टीम पूरी तैयारी के साथ मुंबई गयी। एनुअल अकैडमी फेस्टिवल (समीक्षा) में शामिल होना एक गर्व की बात है। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में परिवर्तन रंगमंडली टीम द्वारा गीतों की प्रस्तुति हुई, ग।55, मुंबई के डीन श्री मनीष झा, निदेशक श्री एस. पारस्वरमण तथा इस उत्सव में मुख्य भाषण प्रस्तुत करने वाले श्री कुफिर नाल्‍्गुन्दवार (एडिटर इन चीफ ऑफ़ एन ऑनलाइन जर्नल, “राउंड टेबल इंडिया” ) एवं विद्यार्थी मौजूद थे।

दिनांक 8-3 अक्तूबर 207 तक परिवर्तन परिसर में “गाँव से जुड़ाव कार्यक्रम” (रूरल इमर्शन प्रोग्राम) का आयोजन किया गया था, जिसमें दिल्‍ली पब्लिक स्कूल के लगभग 200 विद्यार्थी आस- पास के गांवों में भ्रमण कर ग्रामीण परिवेश एवं ग्रामीण जीवन से रूबरू हुए। ग्राम स्तर पर चलायी जाने वाली सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को कैसे मिल रहा है, जैसे विषयों पर जानकारी भी ली गयी। गाँव भ्रमण के दौरान, आवश्यक सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर लोगों से चर्चा भी की गयी ।

परिवर्तन जागृति महिला समाख्या के द्वारा, परिवर्तन परिसर नरेन्द्रपुर में इस महीने में कई कार्यक्रम किये गये, जिसमें से एक प्रमुख कार्यक्रम दिनांक 8 सितम्बर 207 को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में किया गया। इस कार्यक्रम में परिवर्तन कार्य क्षेत्र के कुल 8 पंचायतों से लगभग 39 महिलाओं एवं किशोरियों की भागीदारी रही। उपस्थित महिलाओं एवं किशोरियों को शिक्षा के महत्व को समझाने एवं शिक्षा के प्रति जागरूक करने हेतु अलग- अलग प्रकार की कई गतिविधियों को किया गया।

तक्षशिला एजुकेशनल सोसाइटी की पहल पर समेकित ग्रामीण सामुदायिक विकास हेतु स्थापित संस्था, परिवर्तन परिसर नरेन्द्रपुर, सिवान, बिहार में भारत मौसम विज्ञान विभाग, पुणे (ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अंतर्गत), के सौजन्य से मौसम वेधशाला का विधिवत उदघाटन दिनांक 23 अगस्त 207 को, डॉ. अतुल कुमार सहाय, अतिरिक्त महानिदेशक (मौसम विज्ञान,पुणे) के द्वारा सपन्न हुआ । इस प्रकार यह देश की 207वीं मौसम बेधशाला होगी , जो सिवान क्षेत्र के कृषकों को मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवा प्रदान कर विभिन्न फसल पद्धतियों एवं कृषि से जुड़े उद्यमों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता बढाने में सहायक सिद्ध होगी।

ग्रीष्म कालीन नाट्यकार्यशाला 29 मई से 2 जून 2077 तक नाट्य मंडली द्वारा, बच्चों के लिए आयोजित की गयी, जिसका प्रमाण पत्र वितरण 22 जुलाई 2077 को परिवर्तन परिसर में आये अतिथियों, श्री नवल जी एवं सुश्री मीनाक्षी जी के द्वारा किया गया । इस दौरान कार्यशाला में तैयार किया गया नाटक ‘अंधेर नगरी’ बच्चों के द्वारा प्रस्तुत किया गया ।

परिवर्तन हरियाली कृषि ज्ञान केंद्र में दिनांक 8 जून 207 को सुबह :00 – 2:00 बजे तक खरीफ कार्यशाला बैठक हुयी, जिसमें 83 कृषकों ( 70 पुरषों ‘एवं 3 महिलाओं ) ने भाग लिया। कार्यशाला की अध्यक्षता बडहुलिया टोला के प्रगतिशील किसान एवं देव॑ती फर्स्ट मार्क पब्लिक स्कूल के प्रबंधक श्री ‘चदेशवर प्रसाद सिंह ने की । डॉ ए एन तितरी ने सभी आगतुकों का स्वागत रूरते हुए, कृषि में बिना ल गत की तकनी रू के महत्तपूर्ण विन्दुओं पर प्रकाश डाला।

बंथू-श्रीराम गाँव में दिनांक 20 अप्रैल, 207 को महिला कृषकों की एक बैठक की गयी जिसमे गाँव की 24 महिला कृषक तथा 5 पुरुष कृषकों ने भाग लिया। परिवर्तन की तरफ से तक्षशिला फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक सुश्री सेतिका, डॉ राजेश्वर मिश्रा, डॉ ए एन तिवारी एवं श्री बलिन्द्र यादव ने भाग लिया | इस कार्यक्रम में भाग लेने हेतु 7 महिलाओं सुश्री शिवकली, सुश्री ‘कलावती, सुश्री ललिता, सुश्री बच्ची देवी, सुश्री शिवज्योती, सुश्री देवंती एवं सुश्री लीलावती ने अपनी सहमति जताई |

बंथू-श्रीराम गाँव में दिनांक 20 अप्रैल, 207 को महिला कृषकों की एक बैठक की गयी जिसमे गाँव की 24 महिला कृषक तथा 5 पुरुष कृषकों ने भाग लिया। परिवर्तन की तरफ से तक्षशिला फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक सुश्री सेतिका, डॉ राजेश्वर मिश्रा, डॉ ए एन तिवारी एवं श्री बलिन्द्र यादव ने भाग लिया | इस कार्यक्रम में भाग लेने हेतु 7 महिलाओं सुश्री शिवकली, सुश्री ‘कलावती, सुश्री ललिता, सुश्री बच्ची देवी, सुश्री शिवज्योती, सुश्री देवंती एवं सुश्री लीलावती ने अपनी सहमति जताई |

प्रथम अंक में हम अपनी सहभागी संस्थाओं का विवरण, अपने कार्यक्रमों का परिचय तथा उत्पन्न प्रभाव, स्थानीय ग्राम पंचायत प्रतिनिधि का आलेख कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयोगों एवं कार्यक्रमों तथा छात्र एवं शिक्षकों के सूजनशील लेख आदि का प्रकाशन कर रहे है। परिवर्तन संस्था पिछले 5 वर्षों से जीरादेई एवं आंदर, (सिवान) के 8 पंचायती के 36 गांवों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन कर रही है।

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  • August 2025

    We are sharing with you the August 2025 edition of  Parivartan Patrika. This issue highlights Meena Manch meetings held in 12 middle schools across 47 villages, where adolescent girls openly discussed education, health, nutrition, and gender equality. First-time participants expressed that these dialogues broke hesitation and built confidence to voice concerns. It also features the community staging of Jab Jago Tabhi Savera, a street play on farmers’ struggles with erratic weather, soil fertility, and rising costs, enriched with suggestions from villagers that strengthened the performance. On the sports front, a panchayat-level football tournament was organized from 3–10 August, with Jamapur Royals defeating Gadai Avengers in a thrilling tie-break final. Science learning was advanced through a two-phase workshop held from 18–23 August with 98 students and 20 teachers from 16 schools, where projects addressed local farming, renewable energy, climate change, and everyday innovations. A seminar on animal feed and health gathered 122 farmers and three experts, while National Handloom Day, organized with Sabangi, honored weavers through demonstrations, a master weaver’s talk, and the play Tana Bana. We hope you enjoy reading this edition and look forward to your feedback.

    July 2025

    We are sharing with you the July 2025 edition of Parivartan Patrika. This issue highlights the ward sabhas held in several villages where women actively discussed development needs, education, and safety. It features the community staging of Habib Tanvir’s play Charandas Chor, enjoyed by around 600 audience members. The edition also showcases art exhibitions across schools displaying works created during the summer camp, leadership training competitions that built confidence among students, and health-based play sessions with over 850 children. On the agricultural front, farmers adopted the Super Seeder machine for efficient and eco-friendly paddy cultivation. Finally, SPIC MACAY workshops engaged nearly 2,500 students with performances by sitarist Supratik Sen Gupta and tabla maestro Tirtho Bandopadhyay. We hope you enjoy reading this edition and look forward to your feedback.

    June 2025

    We are sharing with you the June 2025 edition of Parivartan Patrika. This issue captures the vibrant energy of the Kamaal Ka Camp summer workshop, where over 600 children from 36 villages honed their skills in sports, music, dance, and art. It also features updates on innovative farming techniques like raised-bed planting to increase crop yield, training sessions for anganwadi workers to make learning more engaging for children, and participation of young athletes in the state-level cycling championship. The issue highlights community celebrations such as the World Music Day event promoting folk traditions, as well as the growing involvement of women farmers in millet and grain cultivation through seed distribution initiatives. We hope you enjoy reading this edition and look forward to your feedback.

    May 2025

    We are sharing with you the May 2025 edition of the magazine published by Parivartan. This issue features highlights such as the Bal Sansad elections in schools, nutrition and hygiene awareness workshops, kabaddi training camps, women and adolescent girls’ community sessions, the upcoming Charandas Chor theatre production, and preparation for Kharif crop planning. We hope you enjoy reading it and look forward to your feedback.

    April 2025

    We are sharing with you the April 2025 edition of the magazine published by Parivartan. This issue includes highlights from April, such as the kabaddi training camp, village-level workshops for women and adolescent girls, street performances, the Chahakne Ki Lalak event, the launch of Hamar Angana magazine, and methods for selling crop produce. We hope you enjoy reading it and look forward to your feedback.

    March 2025

    We are sharing with you the March 2025 edition of the newsletter published by Parivartan. This issue features detailed coverage of key events held in March, such as the Library: Purpose and Practice workshop, a kabaddi tournament for schoolchildren, the Mahila Samagam, the Gharaunde Ki Aur art exhibition, the Natyotsav, and the Rabi Crop Field Day, among others. We hope you enjoy reading it and look forward to your feedback.

    February 2025

    परिवर्तन द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पत्रिका के फ़रवरी 2025 का अंक आपके साथ साझा किया जा रहा है l

    इस अंक में फ़रवरी माह में हुए महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैस नारी जुटान, बालसंसद वार्षिक कार्य प्रस्तुति कार्यशाला, किसान मेला, विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिता, एनिमेशन कार्यशाला, खेल प्रतियोगिता, नुक्कड़ प्रस्तुति आदी का ब्यौरा दिया गया है । उम्मीद है आपको पसंद आएगी और आपकी प्रतिक्रिया भी मिलेगी l

    January 2025

    परिवर्तन द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पत्रिका के जनवरी 2025 का अंक आपके साथ साझा किया जा रहा है l

    इस अंक में जनवरी माह में हुए महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैस गणतंत्र दिवस, सब्जी उत्पादन प्रशिक्षण, चहकने की ललक कार्यशाला, कबड्डी दोस्ताना मैच, पॉपअप विज्ञान एवं रंगमंच कार्यशाला, आदी का ब्यौरा दिया गया है । उम्मीद है आपको पसंद आएगी और आपकी प्रतिक्रिया भी मिलेगी l

    December 2024

    सामुदायिक खेल इकाई,- उमंग द्वारा खेल के प्रति बच्चों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से समय-समय पर कई सारे ‘छोटे-बड़े कार्यक्रमों का आयोजन लगातार होता रहता है। इस माह दिसम्बर में उमंग दूवारादो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन परिवर्तन में किया गया। दिनांक 6 एवं 7 दिसम्बर 2024 को रोड साइक्लिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य – क्षेत्र के लोगों में साइक्लिंग एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना था।इसरेस की शुरुआत वर्ष 20]9 में की गयी थी। ‘तब से लेकर अभी तक, प्रत्येक वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन होता आया है।

    November 2024

    गाँव स्तर पर खेले जाने वाले परम्परिक खेल में एक खेल फुटबॉल का भी है। इस खेल को बढ़ावा देने का प्रयास परिवर्तन द्वारा पिछले 8 वर्षों से किया जा रहा है। इसके लिए समय समय पर कई तरह के छोटे बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। प्रारंभ से अभी तक हम इस खेल का प्रशिक्षण परिवर्तन परिसर में कर रहे थे। कुछ दिनों से अलग अलग विद्यालयों तक भी इसे ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में इस खेल को और विस्तारित करने एवं इस खेल से ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को जोड़ने के उद्देश्य से इसे पंचायत स्तर पर भी ले जाने का निर्णय किया गया। इस विचार के बाद परिवर्तन कार्यक्षेत्र की प्रत्येक पंचायत में खिलाड़ी खोज अभियान शुरू किया गया। रूचि रखने वाले खिलाड़ियों का चयन करके पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के दौरान

    October 2024

    परिवर्तन द्वारा समय समय पर किशोर- किशोरियों को खेल से जोड़ने हेतु विभिन्न तरह की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता रहा है। गाँव में खेला जाने वाला सबसे पुराना खेल कबड्डी अब गाँवों में देखने को कम मिलता है। इसके दो प्रमुख कारण हैं;

    एक- इस खेल के प्रति जागरूकता का अभाव, दूसरा- इस खेल की तकनीकी जानकारियों का अभाव है। इसको देखते हुए परिवर्तन वर्ष 2018 से इस खेल को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है।

    2025

    August 2025

    We are sharing with you the August 2025 edition of  Parivartan Patrika. This issue highlights Meena Manch meetings held in 12 middle schools across 47 villages, where adolescent girls openly discussed education, health, nutrition, and gender equality. First-time participants expressed that these dialogues broke hesitation and built confidence to voice concerns. It also features the community staging of Jab Jago Tabhi Savera, a street play on farmers’ struggles with erratic weather, soil fertility, and rising costs, enriched with suggestions from villagers that strengthened the performance. On the sports front, a panchayat-level football tournament was organized from 3–10 August, with Jamapur Royals defeating Gadai Avengers in a thrilling tie-break final. Science learning was advanced through a two-phase workshop held from 18–23 August with 98 students and 20 teachers from 16 schools, where projects addressed local farming, renewable energy, climate change, and everyday innovations. A seminar on animal feed and health gathered 122 farmers and three experts, while National Handloom Day, organized with Sabangi, honored weavers through demonstrations, a master weaver’s talk, and the play Tana Bana. We hope you enjoy reading this edition and look forward to your feedback.

    July 2025

    We are sharing with you the July 2025 edition of Parivartan Patrika. This issue highlights the ward sabhas held in several villages where women actively discussed development needs, education, and safety. It features the community staging of Habib Tanvir’s play Charandas Chor, enjoyed by around 600 audience members. The edition also showcases art exhibitions across schools displaying works created during the summer camp, leadership training competitions that built confidence among students, and health-based play sessions with over 850 children. On the agricultural front, farmers adopted the Super Seeder machine for efficient and eco-friendly paddy cultivation. Finally, SPIC MACAY workshops engaged nearly 2,500 students with performances by sitarist Supratik Sen Gupta and tabla maestro Tirtho Bandopadhyay. We hope you enjoy reading this edition and look forward to your feedback.

    June 2025

    We are sharing with you the June 2025 edition of Parivartan Patrika. This issue captures the vibrant energy of the Kamaal Ka Camp summer workshop, where over 600 children from 36 villages honed their skills in sports, music, dance, and art. It also features updates on innovative farming techniques like raised-bed planting to increase crop yield, training sessions for anganwadi workers to make learning more engaging for children, and participation of young athletes in the state-level cycling championship. The issue highlights community celebrations such as the World Music Day event promoting folk traditions, as well as the growing involvement of women farmers in millet and grain cultivation through seed distribution initiatives. We hope you enjoy reading this edition and look forward to your feedback.

    May 2025

    We are sharing with you the May 2025 edition of the magazine published by Parivartan. This issue features highlights such as the Bal Sansad elections in schools, nutrition and hygiene awareness workshops, kabaddi training camps, women and adolescent girls’ community sessions, the upcoming Charandas Chor theatre production, and preparation for Kharif crop planning. We hope you enjoy reading it and look forward to your feedback.

    April 2025

    We are sharing with you the April 2025 edition of the magazine published by Parivartan. This issue includes highlights from April, such as the kabaddi training camp, village-level workshops for women and adolescent girls, street performances, the Chahakne Ki Lalak event, the launch of Hamar Angana magazine, and methods for selling crop produce. We hope you enjoy reading it and look forward to your feedback.

    March 2025

    We are sharing with you the March 2025 edition of the newsletter published by Parivartan. This issue features detailed coverage of key events held in March, such as the Library: Purpose and Practice workshop, a kabaddi tournament for schoolchildren, the Mahila Samagam, the Gharaunde Ki Aur art exhibition, the Natyotsav, and the Rabi Crop Field Day, among others. We hope you enjoy reading it and look forward to your feedback.

    February 2025

    परिवर्तन द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पत्रिका के फ़रवरी 2025 का अंक आपके साथ साझा किया जा रहा है l

    इस अंक में फ़रवरी माह में हुए महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैस नारी जुटान, बालसंसद वार्षिक कार्य प्रस्तुति कार्यशाला, किसान मेला, विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिता, एनिमेशन कार्यशाला, खेल प्रतियोगिता, नुक्कड़ प्रस्तुति आदी का ब्यौरा दिया गया है । उम्मीद है आपको पसंद आएगी और आपकी प्रतिक्रिया भी मिलेगी l

    January 2025

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    2024

    December 2024

    सामुदायिक खेल इकाई,- उमंग द्वारा खेल के प्रति बच्चों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से समय-समय पर कई सारे ‘छोटे-बड़े कार्यक्रमों का आयोजन लगातार होता रहता है। इस माह दिसम्बर में उमंग दूवारादो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन परिवर्तन में किया गया। दिनांक 6 एवं 7 दिसम्बर 2024 को रोड साइक्लिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य – क्षेत्र के लोगों में साइक्लिंग एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना था।इसरेस की शुरुआत वर्ष 20]9 में की गयी थी। ‘तब से लेकर अभी तक, प्रत्येक वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन होता आया है।

    November 2024

    गाँव स्तर पर खेले जाने वाले परम्परिक खेल में एक खेल फुटबॉल का भी है। इस खेल को बढ़ावा देने का प्रयास परिवर्तन द्वारा पिछले 8 वर्षों से किया जा रहा है। इसके लिए समय समय पर कई तरह के छोटे बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। प्रारंभ से अभी तक हम इस खेल का प्रशिक्षण परिवर्तन परिसर में कर रहे थे। कुछ दिनों से अलग अलग विद्यालयों तक भी इसे ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में इस खेल को और विस्तारित करने एवं इस खेल से ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को जोड़ने के उद्देश्य से इसे पंचायत स्तर पर भी ले जाने का निर्णय किया गया। इस विचार के बाद परिवर्तन कार्यक्षेत्र की प्रत्येक पंचायत में खिलाड़ी खोज अभियान शुरू किया गया। रूचि रखने वाले खिलाड़ियों का चयन करके पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के दौरान

    October 2024

    परिवर्तन द्वारा समय समय पर किशोर- किशोरियों को खेल से जोड़ने हेतु विभिन्न तरह की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता रहा है। गाँव में खेला जाने वाला सबसे पुराना खेल कबड्डी अब गाँवों में देखने को कम मिलता है। इसके दो प्रमुख कारण हैं;

    एक- इस खेल के प्रति जागरूकता का अभाव, दूसरा- इस खेल की तकनीकी जानकारियों का अभाव है। इसको देखते हुए परिवर्तन वर्ष 2018 से इस खेल को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है।

    September 2024

    वर्तमान समय में शिक्षा की जरुरत एवं इसके महत्त्व से सब लोग अवगत हैं। हम जानते हैं कि देश के विकास के लिए अधिक से अधिक नागरिकों का साक्षर होना आवश्यक है। साक्षरता उन्नति और विकास को प्रशस्त कर सकती है। लोगों को साक्षरता के महत्त्व और लाभ के प्रति जागरूक करने और शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

    August 2024

    हथकरा क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और हमारे देश के ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण भागों में आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत। यह एक ऐसा क्षेत्र भी है जो सीधे तौर पर महिला सशक्तिकरण को संबोधित करता है, जिसमे 70 फीसदी से अधिक बुनकर और इससे सम्बन्ध रखने वाले, श्रमिक महिलाएं हैं। प्रकति

    July 2024

    परिवर्तन रंगमंडली अपने नियमित प्रदर्शन के साथ साथ अपने टीम के सदस्यों की क्षमतावृद्धि के लिए हमेशा ही कुछ और नया विषय खोजने एवं उसपर नाटक तैयार कर लोगों के बीच प्रस्तुत करने का काम करती रही है। इसके लिए समय समय पर अनुभवी एवं कुशल रंगमंच विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाता है एवं उनके द्वारा रंगमंच के अलग अलग आयामों का कौशल सिखाने का प्रयास किया जाता है। इसी को देखते हुए मई – जुलाई माह के बीच 29 दिवसीय क्षमता विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया।

    June 2024

    परिवर्तन हरियाली कृषि ज्ञान केंद्र द्वारा समय समय पर किसानों के साथ कई छोटे बड़े कार्यक्रम एवं कार्यशालायें आयोजित की जाती हैं ताकि किसानों को नयी-नयी जानकारियों से अवगत करवाया जा सके। इसी कड़ी में दिनांक 13 जून 2024 को ग्राम गोंठी में समेकित पोषक तत्त्व प्रबंधन विषय पर गोष्ठी सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में 68 किसानों की भागीदारी रही जिसमें महिला एवं पुरुष किसान शामिल रहे।

    May 2024

    देखने में आया हैं कि ज्यादातर पत्रिकाएं बड़ों कि लिए होती हैं। इन पत्रिकाओं में बच्चों के लिए न के बराबर सामग्री होती है। ऐसे में बच्चों कि रुचि को पोषित कर बच्चों को खबर बनाने और पढ़ने कि दिलचस्प सामग्री जुटाने हेतु परिवर्तन द्वारा प्रत्येक तीन माह पर एक कार्यशाला आयोजित कि जाती है जिसका नाम है चहकने की ललक कार्यशाला।

    April 2024

    अक्सर देखा गया है कि अपने वोट के प्रति बहुत से ग्रामीण उदासीन रहते हैं और यह समझते हैं कि सिर्फ एक मेरे वोट से कोई बदलाव नहीं होने वाला है या वोट दे देने से कोई बदलाव नहीं होता।कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्हें बेहतर प्रत्याशी का चयन कैसे किया जाये यह नहीं मालूम। इसीलिए वे जाति एवं धर्म के नाम पर वोट डालते हैं। कुछ लोग किसी खास पार्टी को महत्त्व देते हैं चाहे वह पार्टी किसी भी तरह देश को चलाये।कुछ पैसो के लालच में अपने वोट को बेच देते हैं और बाद में पछताने के अलावे कुछ भी हासिल नहीं होता।वर्तमान में बैलेट पेपर से चुनाव न होकर इवीएम से चनाव हो रहे हैं। आज भी कुछ ऐसे

    March 2024

    परिवर्तन कार्यक्षेत्र के कुल 11 मध्य विद्यालयों में बाल संसद का चुनाव परिवर्तन के सहयोग से लोकतांत्रिक प्रक्रिया अर्थात गुप्त मतदान से करवाया गया। सभी चयनित बाल सांसदों को उनकी जिम्मेवारियों के प्रति जागरूक करने एवं एक साल की कार्य योजना निर्माण के लिए परिवर्तन परिसर में एक कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला के दौरान बनाई गई योजना के अनुसार सभी बाल सांसदों ने अपने अपने विद्यालयों के लिए कार्य करना शुरू किया। सभी के साथ नियमित रूप से जुड़ाव रखकर विद्यालय स्तर पर अपनी जिम्मेवारियों के तहत कुछ न
    कुछ करने हेतु लगातार प्रोत्साहित किया गया। निर्वाचित बाल सांसद- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सभी सदस्यों ने जितना हो सका अपने विद्यालय एवं बच्चों के लिए कार्य किया। इस कार्य के बाद उनमे नेतृत्व कौशल की रौशन झलक दिखी।

    February 2024

    भारत के कई हिस्सों के समाज में महिलाओं को उचित अधिकार प्राप्त नहीं है एवं उन्हें पुरुषों से कमतर समझा जाता है। आज भी महिलाएँ लैंगिक पक्षपात, असमानता एवं घरेलू हिंसा की शिकार हैं। महिलाओं को समानता के अधिकारों एवं सशक्तिकरण की जानकारी से अवगत करवाने के उद्देश्य से वर्ष 2013 में परिवर्तन द्वारा जागृति महिला समाख्या का कार्यक्रम शुरू किया गया एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा एवं आर्थिक सशक्तिकरण विषय पर गहराई से काम करना प्रारंभ हुआ।

    January 2024

    साइकिल चलाने को लेकर लोगो को जागरूक करने का प्रयास परिवर्तन द्वारा वर्ष 2019 से लगातार किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक वर्ष किशोर किशोरियों एवं युवाओं के साथ साइकिल रेस का आयोजन किया जाता है ताकि उन्हे साइकिल चलाने के महत्त्व से रूबरू किया जा सके। साइकिल की सवारी से पैरों की मांसपेशियां, शरीर के निचले हिस्से और ऊपर के हिस्से की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं। इससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और यह सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ाता है। साइकिल चलाने से मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होता है और डिप्रेशन, चिंता
    और तनाव कम करने में मदद मिलती है।

    2023

    December 2023

    स्कूली बच्चों में रंगमंच कौशल को बढ़ावा देने एवं इसमें रूचि रखने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रंगमंडली द्वारा समय समय पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों के साथ कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इसी उद्देश्य से इस वर्ष भी दिनांक 15-31 दिसम्बर 2023 के बीच रंगमंडली द्वारा स्थानीय दो विद्यालयों- मध्य विद्यालय बेलही पूरब एवं मध्य विद्यालय बलिया के कुल 53 बच्चों के साथ रंगमंच कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला मुख्य रूप से सीखने सिखाने की प्रक्रिया पर आधारित थी। सीखने की प्रक्रिया की दो मुख्य विशेषतायें

    November 2023

    परिवर्तन द्वारा गाँव स्तर पर खेले जाने वाले पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास होता आया है। इसके लिए समय-समय पर अनेक खेल प्रतियोगिताएं एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में पारंपरिक खेलों के प्रति बच्चों में चाह पैदा करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष गली ओलम्पिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें आसपास के विद्यालयों से बच्चे अलग-अलग गतिविधियों में भाग लेते हैं।

    October 2023

    परिवर्तन की विभिन्न गतिविधियों का सञ्चालन गांधी जी के विचारों एवं उनके द्वारा दिए सन्देश का अनुसरण करके ही किया जाता है इसलिए उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने एवं उनके दिए संदेश को फैलाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष गांधी जयंती समारोह का आयोजन किया जाता है।

    September 2023

    शिक्षाविद, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का सम्पूर्ण जीवन, समाज को शिक्षित करने में बीता। उन्ही का स्मरण करने और राष्ट्र निर्माण के मार्गदर्शक – शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए
    प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है। परिवर्तन द्वारा भी प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस केअवसर पर परिवर्तन से जुड़े शिक्षकों के लिए सुंदर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम
    उपरांत प्रत्येक वर्ष शिक्षको के साथ उनकी जिम्मेवारियों से जुड़े विषय पर चर्चा की जाती है। इस वर्ष भी दिनांक 5 सितम्बर 2023 को परिवर्तन परिसर में शिक्षक दिवस का कार्यक्रम
    आयोजित किया गया।

    August 2023

    देश के सामाजिक आर्थिक विकास में कपड़ा उद्योग का अहम् योगदान है उसमें हथकरघा उद्योग का विशेष रूप से योगदान है। लघु एवं मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने एवं बुनकर समुदाय को सम्मानित एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। भारत की हथकरघा परंपरा को बढ़ावा देना एवं इसे संरक्षित करना भी वर्तमान समय में बहुत आवश्यक है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए परिवर्तन की तरफ से भी प्रत्येक वर्ष हथकरघा दिवस मनाया जाता है।

    July 2023

    आज हमारे देश में बेलगाम बढ़ती जनसँख्या विकट चुनौती बनी हुयी है। विकास का रथ एक अरब से भी अधिक जनसँख्या को ढ़ोने में असहाय-सा दिखाई दे रहा है। भारत की जनसँख्या में अनियंत्रित वृद्धि सारी समस्याओं का मूल कारण बनी हुयी है। गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, अपराध वृद्धि, तनाव, असुरक्षा सभी जनसँख्या वृद्धि के ही परिणाम है। जनसँख्या वृद्धि के कारण अर्थवयवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

    June 2023

    प्रत्येक बच्चे को उत्प्रेरणा, शिक्षा, खेल-कूद, मनोरंजन और संस्कृतिक क्रियाकलापों के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और संवेदनात्मक विकास का अधिकार है ताकि वह अपने व्यक्तित्व का विकास अपनी सर्वोतम क्षमता के अनुसार कर सके। यह उनका संवैधानिक, मौलिक अधिकार भी है। समेकित ग्रामीण विकास हेतु प्रयासरत- संस्था परिवर्तन, विभिन्न विद्यालयों एवं 36 गाँवों के बच्चों के साथ जुड़कर इसी क्षमता विकास पर लगातार काम कर रही है। बदलाव दिख रहे हैं और कुछ बड़े बदलाव भविष्य में निश्चित ही दिखेंगे।

    May 2023

    दिनांक 10 मई 2023 को परिवर्तन विज्ञानशाला के सहयोग से मध्य विद्यालय भरौली में विज्ञान मेला का आयोजन किया गया। मेला मे विद्यालय के कक्षा 6-8 के छात्र/छात्राओं ने विज्ञान के सिद्धांत पर आधारित 17 मॉडल/प्रयोग तैयार किये। जितने भी बच्चों ने अलग-अलग मॉडल बनाये थे उसमे से कुल 40 बच्चों को मेले के दिन प्रस्तुतीकरण के लिए चयनित किया गया था। प्रत्येक मॉडल पर दो छात्रों को प्रदर्शन हेतु

    April 2023

    पुस्तकालय उद्देश्य एवं अभ्यास पर आधारित कार्यशाला का आयोजन बुकवर्म संस्था गोवा द्वारा दिनांक 11-15 अप्रैल 2023 तक परिवर्तन परिसर में किया गया। इस प्रशिक्षण में कुल 7 राज्यों से कुल 25 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण से पूर्व सभी सदस्यों का, परिवर्तन द्वारा समुदाय विकास के लिए किये जा रहे विभिन्न प्रयासों का सभी अवलोकन कराया गया एवं उसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी।

    March 2023

    बालमंच बच्चों के लिए, बच्चों द्वारा बनाया गया एक एक ऐसा मंच है जहाँ कला की अलग-अलग विधाओं को समान स्थान दिया जाता है। हर एक इन्सान में दूसरे से अलग कुछ ख़ासियत होती है। यह ख़ासियत ही उसे दूसरे इन्सान से अलग बनाती है।

    February 2023

    महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में परिवर्तन अपने आरंभिक दौर से ही प्रयासरत रहा है। परिवर्तन से लगभग 2800 महिलाएं जुड़कर अलग-अलग 5 विषयों – शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा आर्थिक सशक्तिकरण एवं पंचायती राज में जागरूक एवं सशक्त हो रही हैं। परिवर्तन से जुड़ी सभी महिलाओं के साथ परिवर्तन में एक वार्षिक चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसका नाम नारी जुटान है।

    January 2023

    पर्यावरण संरक्षण एवं साइक्लिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु किशोर किशोरियों एवं युवक युवतियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से परिवर्तन द्वारा प्रत्येक वर्ष साइकिल रेस का आयोजन किया जाता है।

    2022

    December 2022

    परिवर्तन द्वारा कबड्डी खेल को बढ़ावा देने हेतु लगातार प्रयास किया जाता रहा है; नियमित रूप से खिलाड़ियों का प्रशिक्षण करवाना, बाहर से कुशल प्रशिक्षक बुलाकर कैम्प आयोजित करना और राज्य के विभिन्न स्थानों पर
    आयोजित होने वाली कबड्डी प्रतियोगिताओं में शामिल होना ऐसे कुछ उठाए गए कदम हैं।

    October 2022

    कहते हैं कि जड़ से जुड़े पेड़ ही पल्लवित और पुष्पित होते हैं इसलिए मनुष्य रूपी पेड़ को अपने जड़ से जुड़ा होना जरुरी है। इसी सोच के तहत परिवर्तन और दिल्ली पब्लिक स्कूल पटना के संयुक्त तत्वाधान में गाँव से जुड़ाव कार्यक्रम प्रति वर्ष आयोजित किया
    जाता है जो परिवर्तन के लिए साल का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है। इस बार यह कार्यक्रम दिनांक 09-14 अक्टूबर 2022 को आयोजित किया गया। इसके लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल पटना के 11 वीं कक्षा के 170 बच्चे एवं कुछ शिक्षक परिवर्तन आये।

    September 2022

    आज के व्यस्तता भरे जीवन में हम कहीं न कहीं पोषण से संबंध नहीं बना पा रहे हैं। हम जानते हैं कि पोषण व्यक्ति के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अतः परिवर्तन का यह विचार है कि कार्यक्षेत्र में उपस्थित
    संसाधनों का उपयोग कर पोषण युक्त भोजन का
    दिनचर्या में समावेश करने के प्रति लोगों को जागरूक
    करना आवश्यक है।

    August 2022

    खेल मन में मित्रता और टीम भावना विकसित करता है। खेल के क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ाने हेतु परिवर्तन द्वारा प्रारंभ से प्रयास किया गया है। खेल दिवस के अवसर पर परिवर्तन द्वारा वैसे खिलाड़ियों को उपहार देकर सम्मानित किया जाता है, जो राज्यस्तरीय, जिलास्तरीय एवं राष्ट्र स्तरीय खेलों में भाग ले चुके हों।

    July 2022

    फुटबॉल से जुड़े खिलाड़ियों को नियमित प्रशिक्षण के दौरान, सिखाये गए स्किल को जांचने हेतु समय समय पर समय पर दूसरी टीमों के साथ दोस्ताना मैच खेलवाया जाता है। इसी उद्देश्य से दिनांक 17 जुलाई 2022 को परिवर्तन परिसर में फुटबॉल दोस्ताना मैच का आयोजन करवाया गया। यह मैच परिवर्तन बॉयज फुटबॉल क्लब नरेन्द्रपुर बनाम न्यू अंसार फुटबॉल क्लब नरेन्द्रपुर के बीच खेला गया। मैच काफी रोमांचक था।

    May 2022

    हमारे आस पास बहुत ऐसी वस्तुएं होती हैं व जिनका हमारे जीवन में उपयोग नहीं होता है। वह घर के एक कोने में पड़े पड़े कबाड़ का रूप ले लेती हैं। अब सवाल उठता है कि इस कबाड़ का क्या करें ? घरौंदा इकाई द्वारा इस कबाड़ को फिर से इस्तेमाल करने हेतु एक तरीका अपनाया गया है। जिसके तहत समुदाय में कार्यशाला का आयोजन किया जाता है जिसका नाम है कबाड़ से जुगाड़ कार्यशाला।

    April 2022

    झरोखा – शिक्षा की उप इकाई है। यहाँ 9-14 साल के बच्चों को कंप्यूटर के माध्यम से भाषा सिखाई जाती है। ऑनलाइन अप्लिकेशन डूओलिंगो के माध्यम से सभी बच्चों की भाषा को समृद्ध करने का प्रयास किया जाता है। एक निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार कुल 6 माह तक बच्चे नियमित क्लास करते हैं एवं अपने पाठ्यक्रम को पूरा करते हैं।

    March 2022

    समेकित विकास को समर्पित संस्था परिवर्तन द्वारा प्रत्येक वर्ष गतिविधि शिविर का आयोजन किया जाता है ताकि सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को नयी नयी एवं रोचक गतिविधियों
    से रूबरू करवाया जा सके साथ ही विभिन्न गतिविधियों के प्रति उनमें रूचि पैदा की जा सके। इसी उद्देश्य से वर्ष 2018 से प्रत्येक वर्ष यह आयोजन होता आया है।

    February 2022

    परिवर्तन अपने कार्यक्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए कई कार्यक्रम एवं गतिविधियों का सञ्चालन कर रहा है और सेविका प्रशिक्षण भी उनमें शामिल है।

    January 2022

    कला संकाय घरौंदा द्वारा प्रयास किया जाता है
    कि वो बच्चों के मन में कला के प्रति ललक पैदा
    करेI हमारे देश भारत में एक से एक कलाकार
    हुये हैं जिनका नाम सदियों तक स्वर्णिम अक्षरों
    में लिखा जायेगाI उन कलाकारों के बारे में जाने
    बिना तथा उनके संघर्षों और उपलब्धियों से
    प्रेरणा लिए बिना एक सफल कलाकार बनना
    थोड़ा मुश्किल हैI

    2021

    December 2021

    परिवर्तन विज्ञानशाला विज्ञान विषय के अंतर्गत प्रायोगिक संभावनाओं से बच्चों एवं शिक्षकों को जोड़ने के लिए लगातार कार्यशाला कर रहा है। इस प्रयास के अंतर्गत दिनांक 6-8 दिसम्बर 202। तक विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य रूप से कक्षा 6-0 वर्ग के बच्चे एवं विज्ञान शिक्षक सम्मिलित किये गए जिसमें आंदर एवं जीरादेई प्रखंड के कुल 30 विद्यालयों से 325 छात्र/छात्राएं एवं 25 शिक्षक शामिल थे। इस कार्यशाला में दिल्‍ली पब्लिक स्कूल पटना से श्री विनय कुमार, श्री शिवेश प्रकाश भौतिक विज्ञान विशेषज्ञ के रूप में एवं श्री निरशशोस सागर रसायनविज्ञान विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। ये तीनों शिक्षक नवीन (इनोवेटिव) विज्ञान शिक्षक के रूप में भी जाने जाते हैं उन्हीं की देखरेख में कार्यशाला संपन्न हई।

    November 2021

    बालदिवस जैसा कि नाम से ही भाव स्पष्ट होता है -बच्चों कादिन होता है। अतः बच्चों के ही अनुकूल यानि उनको पसंद आने वाली गतिविधियों में उनकी सहभगिता एवं हिस्सेदारी के साथ यह दिन परिवर्तन परिसर में मनाया गया। खेलते बच्चे, पढ़ते बच्चे ! इस थीम से जुड़े कार्यक्रम में बच्चों की रचनात्मकता एवं जिज्ञासा को बढ़ावा देने वाली गतिविधियाँ आयोजित की गयीं।

    October 2021

    कबड्डी जैसे पारंपरिक खेल को बढ़ावा देने एवं कबड्डी के क्षेत्र में बच्चों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कबड्डी महासंग्राम का आयोजन दिनांक 5-7 अक्टूबर 202 के बीच परिवर्तन परिसर के खेल मैदान में किया गया। इस प्रतियोगिता में सिवान, छपरा, महाराजगंज एवं गोपालगंज से कुल 8 टीमों ने भाग लिया। इस महासंग्राम का फाइनल मुकाबला दिनांक 07.0.2027 को राजपुर बनाम सुंदरी टीम के बीच खेला गया। राजपुर टीम न बेहतर प्रदर्शन करते हुए मैच 2। अंकों से जीता और ट्राफी अपने नाम की। विजेता टीम के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए 5000 रूपये नगद राशि पुरस्कार में प्रदान की गई। उप विजेता टीम को भी ट्राफी, मेडल के साथ- साथ 3000 रूपए पुरस्कार दिया गया। मैच का शुभारम्भ दिनांक 5 अक्टूबर 2027 को उड़ान खेल मैदान में किया गया। मैंच में कुल 8 टीमों ने भाग लिया । इस मैच में मुख्य अतिथि के रूप में सिवान जिलां के कबड्डी सचिव सहित कई समाजसेवी एवं खेल प्रेमी उपस्थित थे।

    September 2021

    शिक्षा हर व्यक्ति के लिए आवश्यक ही नहीं बल्कि यह उसका हक़ भी है।
    किसी भी प्रकार की सफलता एवं जीवन जीने के लिए शिक्षा बहुत
    महत्वपूर्ण है। भारत से या देश दुनिया से गरीबी को मिटाना, बाल मृत्युदर
    को कम करना, जनसँख्या वृद्धि को नियंत्रित करना, लैंगिक समानता को
    प्राप्त करना आदि कुरीतियों को जड़ से ख़त्म करने की क्षमता, शिक्षा और
    शिक्षित समाज से ही संभव है। मानव विकास और समाज के लिए उनके
    अधिकारों को जानने और शिक्षा की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के
    उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। शिक्षा के
    प्रसार हेतु एक छोटा प्रयास परिवर्तन द्वारा प्रत्येक वर्ष कहानी पाठ के
    माध्यम से किया जाता है।

    August 2021

    दिनांक 24 अगस्त 2021 को स्थानीय किशोरियों द्वारा सफ़दर
    हाशमी लिखित नाटक “औरत” की प्रस्तुति, परिवर्तन परिसर में की
    गयी। इस प्रस्तुति में भरौली, जामापुर, बंथू श्रीराम, बड़हुलिया टोला
    की किशोरियां शामिल हुईं। कोरोना सुरक्षा निर्देशों का ध्यान रखते हुए
    इसे ऑनलाइन प्रस्तुत किया गया। इस ऑनलाइन प्रस्तुति में 20
    स्थानीय किशोरियों एवं कुछ महिलाओं को दर्शकों के रूप में आमंत्रित
    किया गया था। दर्शकों का कहना था-” प्रस्तुति देख कर हमें भी पुरुष
    प्रधान समाज से अपना हक़ एवं अधिकार माँगने की आकांक्षा हुई।

    July 2021

    लोक कला की अपनी एक अलग महत्ता है। यह कला किसी
    विद्यालय या विश्वविद्यालय में नहीं सिखायी जाती। यह कला हमें
    अपने पूर्वजों से धरोहर के रूप में प्राप्त हुयी है। यही लोककला है
    जो हर क्षेत्र को एक अलग पहचान दिलाती है। अपनी संस्कृति,
    सभ्यता और परम्परा के तौर पर । हर देश, हर राज्य की अपनी
    अलग-अलग कला एवं चित्रकला होती है। दिनांक 27-28 जुलाई
    को परिवर्तन के संगत प्रिसर में आयोजित लोक कला संगोष्ठी में
    कार्य क्षेत्र के कुल 32 बच्चों ने हिस्सा लिया एवं अपने देश के
    अलग-अलग राज्यों की 14 लोक कलाओं को करीब से देखा, जाना
    एवं कुछ सीखने का प्रयत्न किया।

    June 2021

    परिवर्तन द्वारा अपने समुदाय में लोक संगीत को
    समृद्ध करने एवं इसके महत्त्व के प्रति लोगों को
    जागरूक करने का कार्य शुरू से होता आया है।
    विश्व संगीत दिवस के अवसर पर प्रति वर्ष
    परिवर्तन परिसर में गीत संगीत एवं नाटक की
    प्रस्तुति दी जाती है।

    May 2021

    कहानी सुनना, सीखने-सिखाने की सबसे
    पुरानी और प्रभावशाली विधि है। इसके शैक्षिक
    महत्त्व को शिक्षाविदों व् बाल साहित्यकारों द्वारा
    बार-बार रेखांकित किया जाता है। कहानियां
    कल्पनाशीलता को बढ़ाती है और बच्चों को
    आनंदित करती है। कहानी से बच्चे सब्र से
    सुनना, अनुमान लगाना, कहानी के पात्रों एवं
    घटना क्रम को याद रखना तो सीखते ही हैं
    इससे उनकी एकाग्रता व् स्मरण शक्ति का भी
    विकास होता है।

    April 2021

    लोकरंग सांस्कृतिक समिति कुशीनगर द्वारा पिछले
    14 वर्षों से भड़ैती के खिलाफ एवं लोक संस्कृति को
    बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाता
    रहा है। इस कार्यक्रम में पिछले चार वर्षों से
    सामुदायिक रंगमंच (परिवर्तन रंगमंडली, नरेन्द्रपुर
    सिवान) अपने नाटकों एवं गीतों के साथ भागीदारी
    करती आई है। बीते 10 और 11 अप्रैल 2021 को
    रंगमंडली भी अपने गीतों की प्रस्तुति के लिए आमंत्रित
    थी।

    March 2021

    परिवर्तन द्वारा कुल 21 गाँवों के बच्चों एवं शिक्षकों के लिए गतिविधि शिविर का आयोजन दिनांक 15-20 मार्च 2021 तक किया गया। इस शिविर में कुल 17 गतिविधियां बच्चों को सिखायी
    गईं- फुटबॉल, कबड्डी, वॉलीबॉल, साईक्लिंग, हैण्डबॉल, एथलेटिक्स, चित्रकला, मूर्तिकला, छापाकला, शास्त्रीय संगीत, कत्थक, विज्ञान प्रयोग, कंप्यूटर ज्ञान, कठपुतली, कहानी पाठ एवं नाटक करना भी सिखलाया गया। इस शिविर को प्रत्येक वर्ष गर्मी की छुट्टी के समय बच्चों के लिए आयोजित किया जाता था पर इस वर्ष यह आयोजन थोड़ा पहले कराने की योजना बनी क्योंकि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सारे स्कूल कॉलेज बंद हो गए थे।

    February 2021

    समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए जुलाई 2013 में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को शुरू किया गया | इस कार्यक्रम के प्रभाव को देखने के लिए जनवरी 2014 में
    परिवर्तन द्वारा पहले नारी जुटान कार्यक्रम का आयोजन किया गया और तब से आज तक इस जुटान कार्यक्रम में हजारों की संख्या में महिलाओं की भागीदारी होती आयी है | इस दिन महिलायें एक साथ परिसर में इकट्ठा होती हैं, नवीन जानकारियों से अवगत होती हैं तथा सशक्तिकरण के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान से भी परिचित होती हैं । यह उत्सव साल में एकबार मनाया जाता हैं |

    January 2021

    सामुदायिक खेल उमंग के तहत साइक्लिंग हेतु किशोर/किशोरियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाता हैं। इस प्रशिक्षण में परिवर्तन कार्यक्षेत्र की आठों पंचायतों से प्रतिभागी भाग लेते हैं। प्रशिक्षण के बाद सभी प्रतिभागी नियमित अभ्यास करते हैं। समय-समय पर ट्रायल रेस भी करवायी जाती है ताकि उनकी प्रस्तुति को देखा जा सके एवं आगे के लिए रेस संबंधित रणनीति बनाई जा सके।

    2020

    December 2020

    भारत के पहले राष्ट्रपति, देशरत्र डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर परिवर्तन परिसर में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का वार्षिक आयोजन दिनांक 3 दिसम्बर 2020 को किया गया। इस प्रतियोगिता के आयोजन के पीछे का मुख्य उद्देश्य, आज की पीढ़ी को डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जीवनी एवं उनकी उपलब्धियों से अवगत कराना था। प्रत्येक वर्ष इस कार्यक्रम में विद्यालयों से बच्चों की सहभागिता रहती थी पर इस वर्ष विद्यालयों के बंद होने की वजह से बच्चों की सहभागिता विद्यालयों से नहीं हो सकी। ऐसे में परिवर्तन टीम के सहयोग से निजी कोचिंग संस्थानों एवं गाँव के बच्चों से सीधा संपर्क किया गया और प्रत्येक गाँव से कुल 5 बच्चों को आमंत्रित किया गया।

    September 2020

    दिनांक 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पूरे विश्व में बड़े धूम- धाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है ताकी लोगों को साक्षरता के महत्त्व के बारे में बताया जा सके साथ ही साथ आज के समय में हमारे लिए पढ़ाई कितनी आवश्यक है यह बताया जा सके। इसी बात का ध्यान रखते हुए प्रत्येक वर्ष परिवर्तन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है एवं कहानी पाठ के ज़रिए विद्यालय एवं समुदाय के बच्चों को साक्षरता के महत्त्व के बारे में जागरुक किया जाता है। चूंकि इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सभी शिक्षण संस्थान बंद थे तो तय हुआ- समुदाय के सीमित बच्चों के साथ कहानी पाठ सत्र का आयोजन किया जाये ताकि पढ़ाई-लिखाई के प्रति उनका ध्यान आकृष्ट किया जाये साथ ही साथ इसके महत्त्व को समझाया जा सके। परिवर्तन टीम द्वारा प्रत्येक वर्ष “प्रथम बुक्स” प्रकाशन द्वारा प्रदत्त किताबों से कहानी पाठ किया जाता था एवं कहानी पर बच्चों के साथ चर्चा भी की जाती थी। इस वर्ष परिवर्तन पुस्तकालय में उपलब्ध किताबों में से तक्षशिला जुगनू प्रकाशन की किताब “तारिक का सूरज” का चयन किया गया।

    June 2020

    व्यवहार परिवर्तन एक ऐसा विषय है जिससे हमारा मानसिक एवं शारीरिक विकास प्रभावित होता है। व्यवहार परिवर्तन मतलब हमारी आदतों में परिवर्तना बचपन से लेकर व्यस्क होने तक मनुष्य के पास कई ऐसी आदतें होती हैं जिसे हम जानने के बावजूद भी बदलने का प्रयास नहीं करते- जैसे कहीं भी खैनी, गुटखा थूकना, खुले में शौच करना, पॉलिथीन आदि का लगातार उपयोग करना आदि। वर्तमान समय में दुनिया के लगभग 200 देशों में कोरोना नामक संक्रमण पैर पसार चुका है। रात- दिन टेलीविजन और सोशल मिडिया पर इसके बचाव के उपाय सुझाये जा रहे हैं, लेकिन आम जनता खासकर ग्रामीण जनता में इससे बचाव के नियमों आदि को लेकर जागरूकता का अभाव है। ग्रामीण जनता टेलीविज़न पर आने वाले ‘कोरोना जागरूकता’ के प्रचार को नहीं देख रही है।

    May 2020

    देश दुनिया के लोग कोरोना जैसी भयावह महामारी से बचने हेतु विभिन्न प्रकार के नियमों का पालन कर रहे हैं एवं इस महामारी की बढ़ती संभावनाओं को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में समेकित विकास के लिए समर्पित संस्थान परिवर्तन के द्वारा भी अपने कार्य क्षेत्र के 7 पंचायतों के कुल 2। गाँव में इस महामारी से बचाव हेतु जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। परिवर्तन के साथी विशेष सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अलग अलग गाँवों में भ्रमण कर लोगों से मिले एवं उन्हें इस महामारी से बचाव हेतु आवश्यक जानकारियों से अवगत करवाया। बैनर एवं साउंड सिस्टम के साथ गाँव-गाँव में भ्रमण किया गया।

    February 2020

    समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से जुलाई 2073 में परिवर्तन द्वारा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम “जागृति महिला समाख्या” शुरू किया गया। इस कार्यक्रम के प्रभाव को देखने के लिए जनवरी 2074 में पहली बार नारी जुटान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस जुटान में हजारों-हजार महिलाओं की भागीदारी होती है।

    January 2020

    पर्यावरण संरक्षण एवं साइकिलिंग के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के उदेश्य से परिवर्तन द्वारा दिनांक 23- 24 जनवरी 2020 को साइकिल रेस का आयोजन किया गया। इस रेस में परिवर्तन कार्य क्षेत्र के 38 गाँवों एवं 42 सरकारी विद्यालयों से लगभग 400 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस रेस में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों ‘तक विद्यालयों द्वारा पंजीकरण फॉर्म पहुंचाए गये, जिसमें अलग- अलग उम्र के लड़के एवं लड़कियों ने पंजीकरण करवाया। दिनांक 23 जनवरी की रेस सभी बालक वर्गों के लिए आयोजित की गयी थी, वहीं 24 जनवरी की रेस बालिका वर्गों के लिए थी। इस रेस की तकनीकी जानकारियाँ साइकिलिंग असोसिएशन ऑफ़ बिहार के अधिकारियों द्वारा दी गयी एवं इस रेस को संपन्न करने में उनका भरपूर सहयोग मिला।

    2019

    December 2019

    श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र पटना के सहयोग से दिनांक 2-3 दिसम्बर 209 तक द्वारा श्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह दो दिवसीय प्रदर्शनी थी जो पहले दिन दो सत्रों में परिवर्तन परिसर में लगायी गयी। प्रथम सत्र में 6 विद्यालयों से कुल 244 छात्र /छात्राओं एवं 4 शिक्षकों ने हिस्सा लिया एवं दूसरे सत्र में 4 विद्यालयों से 44 छात्र / छात्राओं एवं 4 शिक्षकों ने हिस्सा लिया। प्रथम दिन मुख्य रूप से बच्चों के साथ प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र की तरफ से प्रमाणपत्र दिये गये। इस प्रतियोगिता में रसायन शास्त्र एवं भौतिकी से जुड़े चार प्रयोग- परीक्षण किये गए जिसके बाद सभी बच्चे कतारबद्ध होकर भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी वाली बस तक गए एवं अनेक प्रयोगों को काफी नजदीक से देखा एवं समझा।

    August 2019

    अपने कार्य कार्य क्षेत्र में रहने वाले युवाओं एवं युवतियों को विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने के लिए परिवर्तन हमेशा से प्रयासरत रहा है। शहर से दूर इस ग्रामीण क्षेत्र के नौजवानों में साइक्लिंग के प्रति जब किसी भी प्रकार की समझ नहीं थी, तब परिवर्तन ने साइकिल रेस आयोजित कर इन युवाओं में नव चेतना का सृजन किया।

    June 2019

    परिवर्तन का हमेशा से यह प्रयास रहता है कि वो अपने आस-पास के समुदाय के बच्चों और अभिभावकों को अपनी लोक कला से जोड़ सके। इसी प्रयास के तहत परिवर्तन की घरौंदा इकाई समय- समय पर अलग- अलग प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन करती आयी है। इस वर्ष की पहली कार्यशाला ‘मधुबनी पेंटिंग कार्यशाला’ रही। इसका आयोजन दिनांक 27 जून से जुलाई तक किया गया। इस कार्यशाला में परिवर्तन के 2] गांवों से 00 बच्चों तथा 8 किशोरियों ने भाग लिया।

    March 2019

    परिवर्तन घरौंदा द्वारा ‘कबाड़ से जुगाड़’ कार्यशाला का आयोजन दिनांक 6-8 मार्च 209 तक मध्य विद्यालय भवराजपुर में किया गया जिसमें मध्य विद्यालय गोंठी के बच्चे भी शामिल हुए। इस कार्यशाला का उद्देश्य अपने आस-पास की अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग कर उनसे कला का सृजन करना था। कबाड़ से विज्ञान से जुड़े विभिन्न मॉडल भी बनाना संभव है यह द्शनि के लिए कबाड़ से विज्ञान के मॉडल भी बनाना सिखाया गया। कबाड़ से जुगाड़ कार्यशाला में भवराजपुर और गोंठी विद्यालय के कुल प्रतिभागी बच्चों की संख्या 54 थी।

    2018

    September 2018

    अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर परिवर्तन कार्य क्षेत्र में आने वाले कुल 20 सरकारी विद्यालयों में प्रथम संस्थान द्वारा प्रदत्त किताब “कचरे का बादल” से कहानी कहने का सत्र आयोजित किया गया। छात्रों को स्वच्छता और स्वच्छता के महत्त्व के बारे में जागरूक करके साक्षरता का जश्न मनाने का विचार था। प्रत्येक स्कूल में कहानी पाठ हुए एवं इसके बाद अपने पर्यावरण को साफ़ सुथरा रखने के विभिन्न तरीकों से अवगत करने के लिए सभी के साथ अलग-अलग प्रकार की गतिविधियां भी की गयीं।

    July 2018

    दिनांक क2-9 जुलाई 2078 तक परिवर्तन सामुदायिक खेल उमंग द्वारा फुटबॉल टूर्नमेंट का आयोजन, परिवर्तन परिसर नरेन्द्रपुर में किया गया जिसमें आठ टीमों ने भाग लिया। टूर्नामेंट का उद्घाटन 2 जुलाई को परिवर्तन फुटबॉल ग्राउंड में हुआ। परिवर्तन और परिवर्तन के कार्यों के परिचय के बाद सभी खिलाड़ियों का परिचय एक दूसरे से हुआ। पहला मुकाबला जमालहाता और आंदर टीम के खिलाड़ियों के बीच हुआ। रेफरी द्वारा दोनों टीमों के खिलाड़ियों को प्रशासनिक नियम के साथ ग्राउंड में प्रवेश कराया गया। जमालहाता के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते हुए मैच 2-0 के स्कोर से जीत गये।

    June 2018

    दिनांक 8 जून 2078 को खरीफ कार्यशाला का आयोजन हरियाली कृषि ज्ञान केंद्र में किया गया। इस कार्यशाला में 76 किसानों ने भाग लिया। कार्यशाला की अध्यक्षता श्री चंदेश्वर सिंह, अध्यक्ष परिवर्तन किसान क्लब ने की, सभी किसानों का स्वागत करते हुए क्लब से जुड़कर हरियाली कृषि ज्ञानकेंद्र से तकनीकी ज्ञान अर्जित कर अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया। डॉ ए एन तिवारी ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य ‘फसलौोत्पादन के तकनीकी एवं प्रभावी बिन्दुओं को फोकस करना एवं संसाधनों के मद्देनजर खरीफ की रणनीति बनाना, जिससे हमारी उत्पादकता में वृद्धि हो सके।

    May 2018

    बच्चों के विकास पर काम करने वाली संस्था स्लम सॉकर के द्वारा दिनांक 20-22 अप्रैल 208 को कोलकाता में आयोजित फुटबॉल यूथ प्रशिक्षण में परिवर्तन से जुड़े कुछ युवाओं को भाग लेने का मौका मिला। यह प्रशिक्षण कुल 3 दिनों तक चला जिसमे अलग-अलग सात राज्यों जैसे बिहार, मणिपुर, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, असम और बंगाल से आये 37 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। बिहार की तरफ से परिवर्तन “उमंग” के उपेन्द्र कुमार सिंह, राजकेश्वर कुमार, निशु कुमारी, पंकज कुमार, संजू कुमारी एवं सीमा कुमारी ने हिस्सा लिया।

    February 2018

    टाटा इंस्टिट्यूट आफ सोशल साइंस, मुंबई के आमंत्रण पर परिवर्तन रंगमंडली टीम पूरी तैयारी के साथ मुंबई गयी। एनुअल अकैडमी फेस्टिवल (समीक्षा) में शामिल होना एक गर्व की बात है। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में परिवर्तन रंगमंडली टीम द्वारा गीतों की प्रस्तुति हुई, ग।55, मुंबई के डीन श्री मनीष झा, निदेशक श्री एस. पारस्वरमण तथा इस उत्सव में मुख्य भाषण प्रस्तुत करने वाले श्री कुफिर नाल्‍्गुन्दवार (एडिटर इन चीफ ऑफ़ एन ऑनलाइन जर्नल, “राउंड टेबल इंडिया” ) एवं विद्यार्थी मौजूद थे।

    2017

    October 2017

    दिनांक 8-3 अक्तूबर 207 तक परिवर्तन परिसर में “गाँव से जुड़ाव कार्यक्रम” (रूरल इमर्शन प्रोग्राम) का आयोजन किया गया था, जिसमें दिल्‍ली पब्लिक स्कूल के लगभग 200 विद्यार्थी आस- पास के गांवों में भ्रमण कर ग्रामीण परिवेश एवं ग्रामीण जीवन से रूबरू हुए। ग्राम स्तर पर चलायी जाने वाली सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को कैसे मिल रहा है, जैसे विषयों पर जानकारी भी ली गयी। गाँव भ्रमण के दौरान, आवश्यक सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर लोगों से चर्चा भी की गयी ।

    September 2017

    परिवर्तन जागृति महिला समाख्या के द्वारा, परिवर्तन परिसर नरेन्द्रपुर में इस महीने में कई कार्यक्रम किये गये, जिसमें से एक प्रमुख कार्यक्रम दिनांक 8 सितम्बर 207 को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में किया गया। इस कार्यक्रम में परिवर्तन कार्य क्षेत्र के कुल 8 पंचायतों से लगभग 39 महिलाओं एवं किशोरियों की भागीदारी रही। उपस्थित महिलाओं एवं किशोरियों को शिक्षा के महत्व को समझाने एवं शिक्षा के प्रति जागरूक करने हेतु अलग- अलग प्रकार की कई गतिविधियों को किया गया।

    August 2017

    तक्षशिला एजुकेशनल सोसाइटी की पहल पर समेकित ग्रामीण सामुदायिक विकास हेतु स्थापित संस्था, परिवर्तन परिसर नरेन्द्रपुर, सिवान, बिहार में भारत मौसम विज्ञान विभाग, पुणे (ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अंतर्गत), के सौजन्य से मौसम वेधशाला का विधिवत उदघाटन दिनांक 23 अगस्त 207 को, डॉ. अतुल कुमार सहाय, अतिरिक्त महानिदेशक (मौसम विज्ञान,पुणे) के द्वारा सपन्न हुआ । इस प्रकार यह देश की 207वीं मौसम बेधशाला होगी , जो सिवान क्षेत्र के कृषकों को मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवा प्रदान कर विभिन्न फसल पद्धतियों एवं कृषि से जुड़े उद्यमों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता बढाने में सहायक सिद्ध होगी।

    July 2017

    ग्रीष्म कालीन नाट्यकार्यशाला 29 मई से 2 जून 2077 तक नाट्य मंडली द्वारा, बच्चों के लिए आयोजित की गयी, जिसका प्रमाण पत्र वितरण 22 जुलाई 2077 को परिवर्तन परिसर में आये अतिथियों, श्री नवल जी एवं सुश्री मीनाक्षी जी के द्वारा किया गया । इस दौरान कार्यशाला में तैयार किया गया नाटक ‘अंधेर नगरी’ बच्चों के द्वारा प्रस्तुत किया गया ।

    June 2017

    परिवर्तन हरियाली कृषि ज्ञान केंद्र में दिनांक 8 जून 207 को सुबह :00 – 2:00 बजे तक खरीफ कार्यशाला बैठक हुयी, जिसमें 83 कृषकों ( 70 पुरषों ‘एवं 3 महिलाओं ) ने भाग लिया। कार्यशाला की अध्यक्षता बडहुलिया टोला के प्रगतिशील किसान एवं देव॑ती फर्स्ट मार्क पब्लिक स्कूल के प्रबंधक श्री ‘चदेशवर प्रसाद सिंह ने की । डॉ ए एन तितरी ने सभी आगतुकों का स्वागत रूरते हुए, कृषि में बिना ल गत की तकनी रू के महत्तपूर्ण विन्दुओं पर प्रकाश डाला।

    May 2017

    बंथू-श्रीराम गाँव में दिनांक 20 अप्रैल, 207 को महिला कृषकों की एक बैठक की गयी जिसमे गाँव की 24 महिला कृषक तथा 5 पुरुष कृषकों ने भाग लिया। परिवर्तन की तरफ से तक्षशिला फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक सुश्री सेतिका, डॉ राजेश्वर मिश्रा, डॉ ए एन तिवारी एवं श्री बलिन्द्र यादव ने भाग लिया | इस कार्यक्रम में भाग लेने हेतु 7 महिलाओं सुश्री शिवकली, सुश्री ‘कलावती, सुश्री ललिता, सुश्री बच्ची देवी, सुश्री शिवज्योती, सुश्री देवंती एवं सुश्री लीलावती ने अपनी सहमति जताई |

    April 2017

    बंथू-श्रीराम गाँव में दिनांक 20 अप्रैल, 207 को महिला कृषकों की एक बैठक की गयी जिसमे गाँव की 24 महिला कृषक तथा 5 पुरुष कृषकों ने भाग लिया। परिवर्तन की तरफ से तक्षशिला फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक सुश्री सेतिका, डॉ राजेश्वर मिश्रा, डॉ ए एन तिवारी एवं श्री बलिन्द्र यादव ने भाग लिया | इस कार्यक्रम में भाग लेने हेतु 7 महिलाओं सुश्री शिवकली, सुश्री ‘कलावती, सुश्री ललिता, सुश्री बच्ची देवी, सुश्री शिवज्योती, सुश्री देवंती एवं सुश्री लीलावती ने अपनी सहमति जताई |

    March 2017

    प्रथम अंक में हम अपनी सहभागी संस्थाओं का विवरण, अपने कार्यक्रमों का परिचय तथा उत्पन्न प्रभाव, स्थानीय ग्राम पंचायत प्रतिनिधि का आलेख कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयोगों एवं कार्यक्रमों तथा छात्र एवं शिक्षकों के सूजनशील लेख आदि का प्रकाशन कर रहे है। परिवर्तन संस्था पिछले 5 वर्षों से जीरादेई एवं आंदर, (सिवान) के 8 पंचायती के 36 गांवों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन कर रही है।