Chahakne Ki Lalak 01
एक गाँव में एक लड़की रहती थी। उसका
नाम अंजलि था। वह पढने में बहुत तेज
थी। वह विद्यालय जाना चाहती थी।
लेकिन उसके माता-पिता उसे मना करते थे। वे
कहते थे कि तुम केवल घर का चौका बर्तन और
खेत पर भी काम करो। लेकिन वह देश समाज
की सेवा करना चाहती थी। एक दिन की बात है
उसकी मम्मी की तबियत खराब हो गयी। उसके
पापा, मम्मी को अस्पताल ले गए।
Chahakne Ki Lalak 02
एक लड़की है। उसे मोर बहुत पसंद है। जब बादलों में घटा छा
जाता, झिसी-झिसी सा बारिश होता है, मोर पंख फहराकर नाचने लगता
हैद्य वह लड़की इसे देखकर बहुत खुश हो जाती है।
Chahakne Ki Lalak 03
हम अपने खेत में जब गये थे तो मेरे खेत के पास एक पेड़ है जहाँ पर हमलोग काम करने के बाद आराम करते हैं। खेत में धान रोपने के लिए मेरे पापा मेरे भईया गये हुए थे। मैं खाना लेकर के गई खेत में। मैं खेत में जाकर पेड़ के पास
बैठ गई और मैं जब देखी तो पेड़ के उपर बंदर
व्था मैं खाना रखकर पापा को बुलाने लगी।
Chahakne Ki Lalak 04
दिवाली का त्यौहार हम उस खुशी में मनाते हैं कि जब श्री राम और लक्षमण और सीता का चौदह वर्ष का जब वनवास खत्म हुआ था तो उसके अवसर पर हमलोग दिवाली का त्यौहार मनाते है। दिवाली के पाँच दिन पहले से ही हमलोग साफ सफाई करते हैं उसके बाद दिवाली के दिन रात में मां लक्ष्मी पूजा होती है उनका मुर्ति घर में खी
जाती है।
Chahakne Ki Lalak 05
होली आई कितने दिनों के बाद हमलोग खेल रहे है होली बहुत मजे की बात है। रंग फेंक रहे है एक दुसरे के उपर दुसरो के मुह में रंग लगाकर
बंदर मामा बनाते हैं।
Chahakne Ki Lalak 06
चाचा के शादी में हम बाराती गये थे, हम खुब नाचे, गाये थे, चाचा के गाड़ी में चाचा के साथ बैठकर गये थे। हम लोग वहाँ गये, तो सबसे पहले हमें नास्ता मिला। मलोग नास्ता करके, चाचा के साथ गये वहां निकाह हुआ।
Chahakne Ki Lalak 07
रक्षा बंधन में हमलोग अपने बहन से राखी बंधवाते हैं और जो हमलोगों के मन में आता है ओ हमलोग देते हैं रूपया, कपड़ा इत्यादि ।और मिठाई भी बहन लाती है हमलोग मोटर कार पर बैठकर मामा के घर जाते है
जो हमारी बहन लगती हैं वो मुझे राखी बांधती है हम उसको पैसा देते है।
Chahakne Ki Lalak 08
एक घर था, जिसके आस-पास कोई घर नहीं था, उस घर में एक लड़का उसके मम्मी, पापा रहते थे। उसके घर के पीछे एक बहुत बड़ा बगीचा था बगीचे में एक सुखा पेड़ था, जब रात होती थी तो उस पेड़ से अजीब अजीब की आवाज आती थी, लड़का रोज आवाज सुनकर जग जाता था और बगीचे में चल जाता था, जब वह पेड़ के पास जाता था
Chahakne Ki Lalak 09
एक समय की बात है जब मैं 8 साल की थी तो मेरे
पापा धान का विआ उखाड़ रहे थे। तो मैं उनके साथ खड़ी थी उसी समय मुझे निंद लगने लगा तभी मेरे पापा मुझे खेत में ही सुला दिये उसी समय मेरे कान में सांप के बोलने की आवाज सुनाई दी तभी तो मेरा नींद ही खुल गया और मैं रोने लगी और पापा से बोली आप मुझे घर छोड़ दीजिए।
Chahakne Ki Lalak 10
जब मन में हो मौज बहारो की चमकाएँ चमक सितारों की जब खुशियों के शुभ घेरे हों तन्हाई में भी मेले हो। आनन्द की आभा होती है उस रोज दिवाली होती है।
Chahakne Ki Lalak 11
रंगों की त्योहार है होली खुशियों की बौछार है ली।लाल, गुलाबी, पीले देखो, रंग सभी निराले देखो। पिचकारी भर-भर ले आते, इक दूजे पर सभी लाते । होली पर अब ऐसा हाल, हर चेहरे पर आज गुलाल ।
Chahakne Ki Lalak 12
शादी एक बहुत ही शुभ र्यक्रम है। इसमे बहुत सारे मेहमान दोस्त एवं बड़ो का आशीर्वाद एवं छोटो का प्यार मिलता है। अगर कहा जाए तो शादी एक ऐसा पल है। जिसे सबको खुशियों से भर देती है। अगर इतिहास से बात किया जाय तो शादी एक प्रकृति को संतुलन नाना एवं मानव विकास को ढाना है।
Chahakne Ki Lalak 13
मैं हूँ चहकने की ललक । इस अंक 13 में मेरे बाल लेखकों ने मेरे लिए मेरे बारे में बहुत अच्छा लिखा है। इससे पता चलता है कि मुझसे मिलने के बाद इन बाल लेखकों में काफी कुछ बदलाव हुआ है। इस बार तो मेरे प्यारे लेखकों ने मुझे खुद से तैयार किये हैं, सर्व प्रथम 2014 में मुझे प्रकाशित किया गया, जिसमें मेरे बाल लेखकों ने अपनी रचना को प्रदर्शित किये।
Chahakne Ki Lalak 14
मेरी नानी मुझे बहुत प्यार करती है और हमको रोज कहानी सुनाती है। एक दिन मेरी नानी बिमार हो गई तो मुझे उस दिन कहानी नही
सुनाई, तब मुझे नींद नही आ रही थी, कैसे भी बहुत देर के बाद नींद आई नानी की तबियत धीरे-धीरे ठीक होने लगी। कुछ दिन बाद नानी
पूरी तरह से ठीक हो गई, उसके बाद जब मै नानी से बोली नानी कोई कहानी सुनाओ ना, तो नानी ने एक भूत की कहानी सुनाई, उस
दिन से मुझे बहुत डर लगने लगा।
Chahakne Ki Lalak 15
हाथी जब गाँव मे आया सब बच्चों ने शोर मचाया बच्चे फिर डर गये अपने घर मे भाग गये हाथी गाछ के पत्ते खाया फिर जोर से आवाज लगाया हाथी गाँव से बाहर आया और सुड़ हिलाकर डराया शाम हो गया, हाथी अपने घर आ गया।
Chahakne Ki Lalak 16
मैं हूँ चहकने की ललक इस बार अंक-16 में मेरे बाल लेखकों ने मेरे लिए मेरे बारे में बहुत अच्छा लिखा है,
इससे पता चला है कि मुझसे मिलने के बाद इन बाल लेखकों में काफी कुछ बदलाव हुआ है।
Chahakne Ki Lalak 17
मैं हूं 'चहकने की ललक' इस बार अंक-17 में मेरे बाल लेखकों ने मेरे लिए मेरे बारे में बहुत अच्छा लिखा है। इससे पता चलता है, कि मुझसे मिलने के बाद इन
बाल लेखकों में काफी कुछ बदलाव हुआ है, इस बार
तो मेरे प्यारे लेखकों ने मुझे खुदसे तैयार किये है। सर्व
प्रथम 2014 में मुझे काशित किया गया, जिसमें मेरे
बाल लेखकों ने अपनी रचना को प्रदर्शित किये।
Chahakne Ki Lalak 18
मैं हूँ चहकने की ललक। इस बार अंक 20 में मेरे बाल
लेखकों ने मेरे बारे में बहुत कुछ अच्छा लिखा है। इससे
पता चलता है कि मुझसे मिलने के बाद उन बाल
लेखकों में काफी कुछ बदलाव हुआ है। इस बार तो मेरे प्यारे लेखकों ने मुझे खुद से तैयार किया है।
Chahakne Ki Lalak 19
मैं हु चहकने की ललक। इस बार अंक-19 में मेरे बाल लेखकों ने मेरे लिए मेरे बारे में बहुत कुछ अच्छा लिखा है। इससे पता चलता है कि मुझसे मिलने के बाद इन बाल लेखकों में काफी कुछ बदलाव हुआ है। इस बार तो मेरे प्यारे लेखकों ने मुझे खुद से तैयार किए हैं। सर्वप्रथम 2014 में मुझे प्रकाशित किया गया जिसमे मेरे बाल लेखकों ने अपनी रचना को प्रदर्शित किया।
Chahakne Ki Lalak 20
मैं हूँ चहकने की ललक। हर बार की तरह इस बार भी अंक 20 में मेरे बाल लेखकों
ने मेरे बारे में बहुत कुछ अच्छा लिखा है। इससे पता चलता है कि मुझसे मिलने के बाद उन बाल लेखकों में काफी कुछ बदलाव हुआ है। इस बार तो मेरे प्यारे लेखकों ने मुझे खुद से तैयार किया हैं एवं कवितायें, कहानियाँ, लेख, आपबीती चुटकुला जैसी कई सुन्दर रचनाओं व चित्रों से मुझे सजाया है।
Chahakne Ki Lalak 21
मैं हूँ चहकने की ललक। हर बार की तरह इस बार भी अंक 21 मेरे बाल लेखकों ने
मेरे बारे में बहुत कुछ अच्छा लिखा है। इससे पता चलता है कि मुझसे मिलने के बाद
उन बाल लेखकों में काफी कुछ बदलाव हुआ है। इस बार तो मेरे प्यारे लेखकों ने मुझ्खु द से तैयार किया है एव कविताएं, कहानियाँ, लेख, आपबीती चुटकुला जैसी कई सुंदर रचनाओं व चित्रों से मुझे सजाया है।
Chahakne Ki Lalak 22
पूरे घर में एक गाय है। हम उस गाय को बहुत अच्छे से रखते हैं। और मेरी गाय का नाम लक्ष्मी है। और हमारी गाय बहुत सुंदर है। हम
उसे बहुत प्यार करते हैं। और हमारी गाय का कलर काला है। गाय भी हमें बहुत प्यार करती है। अपनी गाय को हम घास िखलाते हैं।
Chahakne Ki Lalak 23
आइसक्रीम मुझे बहुत पसंद है मैं एक बार बाजार गई थी। जब मैं वहां गई तो आइसक्रीम देखा फिर अपनी मम्मी से बोली मम्मी आइसक्रीम खरीद दो। मुझे
आइसक्रीम खाना है। इसके बाद मैंने मम्मी से जिद्द किया तो मम्मी ने मुझे आइसक्रीम
दिलवाया। उसके बाद मैं खाते- खाते घर आ गई।
Chahakne Ki Lalak 24
जब हमारे गांव में बारिश आता है तो हमारे घर के बगल में एक घर है वह
घर थोड़ा टूट-फूट गया है और जब भी बारिश आती है तो उनका घर चुने लगता है और पानी टपकने लगता है वे लोग परेशान हो जाते हैं
और जहां से पानी टपकता है वहां बाल्टी या कटोरा रखकर अपना दिन गुजारते हैं।
Chahakne Ki Lalak 25
मेरे विद्यालय में नया साल के दिन हमलोग पुरी, खीर और सब्जी बनाये थे और हमारे विद्यालय के शिक्षकों ने हमलोगो को बहुत सुंदर से खाना खिलाये थे और हमारे क्लास के बच्चे बहुत ज्यादा आये थे और उस दिन बहुत मस्ती किये और बहुत सुंदर-सुंदर से कपड़े पहन के आये थे और हमारे क्लास के शिक्षक ने हमलोग को बहुत बड़ाई किये। नया साल के दिन सुबह अपने माता-पिता के पैर छूकर प्रणाम किये।
Chahakne Ki Lalak 26
प्यारे दोस्तों, मैं हूँ चहकने की ललक । इस अंक 26 में बाल लेखको ने मेरे बारे में बहुत अच्छा लिखा है कि मुझसे मिलने के बाद इन बाल लेखकों में काफी कुछ बदलाव हुआ है। इस बार तो मेरे प्यारे लेखकों ने मुझे खुद से तैयार किया है। सर्वप्रथम 2014 में मुझे प्रकाशित किया गया था। जिसमें मेरे बाल-लेखकों ने अपनी रचना को प्रदर्शित किया था। इस दरमियां उन्हें बेहद खुशी हुई और लगातार मेरे लिये अपनी रचनाओं को लिखते रहे। आशा करती हूँ कि आगे भी ऐसे ही अच्छा लिखें। यह परिवर्तन बाल-अखबार है। जहाँ बच्चे अपनी कला को दिखाने
कोशिश करते हैं।
Chahakne Ki Lalak 27
प्यारे दोस्तों, में हूं चहकने की ललक। इस अंक 27 में बाल लेखकों ने मेरे लिए मेरे बारे में बहुत अच्छा लिखा है कि मुझसे मिलने के बाद इन बाल लेखको में काफी कुछ बदलाव हुआ है। इस बार तो मेरे प्यारे लेखको ने मुझे खुद से तैयार किया हैं। सर्वप्रथम 2014 में मुझे प्रकाशित किय
गया था। जिसमें मेरे बाल लेखको ने अपनी रचना को प्रदर्शित किया
था। इस दरमियां उन्हें बेहद खुशी हुई और लगातार मेरे लिए अपनी
रचनाओं को लिखते रहे। आशा करती हूं कि आगे भी ऐसे ही अच्छा लिखे। यह परिवर्तन बाल अखबार सभी बच्चों का अखबार हैं, जहाँ बच्चें अपनी कला को दिखाने की कोशिश करते हैं।