Hamar Angana 01
बच्चे बहुत सी बातें खुद करके सीखते हैं। बहुत छोटी-छोटी सी चीजें भी उनके लिए खुशी के यादगार पल लाते हैं। बच्चे अपनी आस पास को बारीकी से देखना और समझना चाहते हैं। इन बच्चों की अपनी ही दुनिया होती है जिसमें हम बड़े सरीक होते हैं ताकि हम उन्हें संवार सकें, उन्हें दिशा दे सकें न कि उन्हें नियंत्रितसंयमित कर सकें।
Hamar Angana 02
बचपन एक बच्चे के शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक एवं सामाजिक विकास के मामले में जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। 0 से 6 साल के दरम्यान बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास की दर अदभुत रहती है। यह एक ऐसा समय है जहाँ उनको व्यक्तिगत देखभाल और सीखने के अनुभव की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। 3 से 6 वर्ष के दौरान बच्चे खुद करके, छूकर, देखकर अनुभव के आधार पर सीखते हैं। उन्हें स्वतंत्रपूर्वक गतिविधि करने में मजा आता है।
Hamar Angana 03
बच्चों के साथ अक्षर की पहचान के लिए अलग-अलग अक्षर से शब्दों को लिखकर चित्रों की सहायता से सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है। साथ में कविता, अ से अनार, आ से आम, पढना-लिखना, मेरा काम, के माध्यम से नये-नये शब्द की जानकारी देने की कोशिश भी की गई। शब्द पोस्टर का इस्तेमाल बच्चों को अक्षर से शब्द बताने में किया गया है।
Hamar Angana 04
क्लास में सबसे पहले बच्चों को कतारबद्ध खड़ा करा कर प्रार्थना एवं व्यायाम करवाया जाता हैं। फिर उन्हें गोले में बैठाकर हाथ पैर को फैलाते हुये विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से अवगत करवाया जाता हैं। उसके बाद तरह तरह के वस्तुओं की पहचान एवं अलग अलग आवाज की पकड़ करवाया जाता हैं, जिससे बच्चों का मानसिक विकास हो सके, साथ ही साथ दुसरे बच्चों को देखते हुये उनमे भी कुछ करने की शैली जगे।
Hamar Angana 05
बच्चों के सम्पूर्ण विकास के उद्देश्य से बालघर आँगन की स्थापना सन 2014 में किया गया। सबसे पहले 2 पंचायतों नरेन्द्रपुर एवं मियां के भटकन में 4 आँगनबाड़ी केन्द्रों के साथ शुरुआत किया गया। चारों केन्द्रों से बच्चे तब पैदल ही आते थे, तब एक ही बाल फसिलिटेटर मधुबाला देवी कार्यरत थीं, बच्चों को लाने एवं ले जाने में आरती एवं
प्रियंका का पूरा सहयोग मिलता था। आज बालघर आँगन में दो बाल फसिलिटेटर हैं, ग्राम-बड़हुलिया की मधुबाला देवी एवं ग्राम - गोठी की रिंकू कुमारी। आज के समय में परिवर्तन बालघर आँगन 7 पंचायतों में 43 आंगनबाड़ी केन्द्रों के साथ काम कर रहा है।
Hamar Angana 06
बालघर आंगन परिवर्तन परिसर में शिक्षा की एक छोटी इकाई है, जो लगातार 5 वर्षों से बच्चों एवं सेविकाओ की सेवा में जुटी है। बालघर आँगन में आँगनबाड़ी केंद्र से 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे आते है। एवं बालघर आँगन के माध्यम से साल में कई बार सेविका प्रशिक्षण
कार्यशाला का आयोजन किया जाता है।
Hamar Angana 07
कला समाज का आईना है। जैसा समाज होता है कला उसी समाज को आईने की तरह अपनी कृतियों में प्रदर्शित करती है। ठीक उसी तरह बच्चे को समाज-निर्माता अर्थात कल का भविष्य कहा जाता है। इस तरह कला का बच्चे के साथ बहुत बड़ा सम्बन्ध है, क्योंकि जिस बच्चे में कला की समझ होती है वह हर क्षेत्र में सृजनात्मक रवैया रखता है। उसकी सोच सकारात्मक होती है। कलाकार को सृजनकर्ता भी कहा गया है, इसी तरह कल के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों को हमेशा सृजनात्मक होना चाहिए।
Hamar Angana 08
परिवर्तन बालघर आंगन द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पत्रिका हमार अंगना के विशेष अंक में, मैं आपका स्वागत करती हूँ।
बालघर आँगन परिवर्तन की शिक्षा इकाई की उप इकाई है, जो कई वर्षों से लगातार आंगनवाड़ी केंद्र के साथ 3-6 वर्ष तक के बच्चों और सेविकाओं से जुड़कर काम कर रही है। बालघर का उदेश्य है कि बच्चों को खेल-खेल, कविता, कहानी, के माध्यम से शारीरिक, मानसिक एवं भाषा का ज्ञान कराया जा सके।
Hamar Angana 09
परिवर्तन के अंतर्गत बालघर आँगन आस-पास के कुल 21 गाँवों के 46 आंगनवाड़ी केंद्र के साथ कार्यरत है। हमारा काम 3 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के अन्दर मानसिक, शारीरिक तथा बौद्धिक विकास को जगाने और उसको सशक्त करने का प्रयास करना है। मानव जीवन में यह उम्र ही ऐसी उम्र होती है जिसे गीली मिटटी कहा जाता है अर्थात यह एक ऐसी आयु सीमा है जिसमें बच्चों का सर्वाधिक बौद्धिक विकास होता है
और उसे हम जिस रूप में ढालना चाहते हैं वे ढल जाते हैं।
Hamar Angana 10
दिंनाक 7 - 9 - 21 को उमरावती जी के सेंटर पर गोद भराई दिवस मनाया जा रहा था। जिसमें परिवर्तन का सहयोग भी था। उस दिन नरेन्द्रपुर पंचायत की सभी सेविकाओं के साथ गोद भराई एक ही केंद्र पर मनाया जा रहा था। हर दिन की तरह मैं उस दिन भी समय को देखते हुए उनके सेंटर पर पहुँची तो बाहर से ही लग रहा था कि यहाँ कोई कार्यक्रम होने वाला है। आंगनवाड़ी सेंटर के गेट पर बहुत सारा गुब्बारा लगाया गया था और साथ - साथ ही साथ उसी जगह पर बहुत ही सुन्दर तरीके से रंगोली भी बनाया गया था।
Hamar Angana 11
बालघर आँगन, परिवर्तन की शिक्षा इकाई की उप इकाई है जो पिछले 8 वर्षों से लगातार आंगनबाड़ी केंद्र के 3-6 वर्ष उम्र के बच्चों एवं 46 सेविकाओं के साथ जुड़कर काम कर रही है। बालघर आँगन का उद्देश्य, बच्चों को खेल, कविता, कहानी के माध्यम से शारीरिक, मानसिक एवं भाषा का ज्ञान करवाना और कार्यक्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ करने हेतु सभी सेविकाओं का मार्गदर्शन करना है।
Hamar Angana 12
इस कार्यशाला का उद्देश्य यह रहा है कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को परिवर्तन में लाकर यहाँ सिखाये जाने वाली गतिविधियों से जोड़ा जाता है, उन गतिविधि को नन्हे कदम कार्यशाला में बच्चे अपने अभिभावक और केंद्र पर प्रस्तुत करते है। इस जुड़ाव से उनके बच्चों में ने किस प्रकार कई रचनात्मक गतिविधियों को जाना एवं समझा है जो उनके शारीरिक, सामाजिक, एवं समावेशी विकास में सहायक है यह समझ बनती है।
Hamar Angana 13
जैसा कि आप जानते हैं-बालघर आंगन, परिवर्तन की शिक्षा इकाई की एक उप इकाई है जो पिछले 9 वर्षों से लगातार आंगनवाड़ी केंद्रों के 3-6 वर्ष के बच्चों के साथ जुड़ी है। इस प्रयास के अंतर्गत बालघर 21 गाँवों के 52 आंगनवाड़ी केन्द्रों के साथ जुड़कर काम कर रही है।
Hamar Angana 14
बालघर आंगन अपने आस-पास के 21 गाँवों के 52 आँगनबाड़ी केन्द्रों के साथ कार्यरत है। हमारा काम 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के अन्दर मानसिक, शारीरिक तथा बौद्धिक विकास को प्रबल करना है। यह एक ऐसी आयु सीमा है जिसमे बच्चों का सवार्धिक बौद्धिक विकास होता है। हम भी इसी बात का ध्यान रखते हुए बच्चों के विकास के लिए खेल-खेल के माध्यम से उन्हें भविष्य में सफल नागरिक बनाने हेतु तैयार करते हैं ताकि ये बच्चे यहाँ से जाकर अपने केंद्र पर आदर्श बच्चे बनकर पल्लवित हों और अन्य बच्चों को प्रेरित कर सकें। क्लास के लिए हमारी 6 माह की एक कार्य योजना है।
Hamar Angana 15
हमारा काम 3 से 6 वर्ष के आयु के बच्चो के अन्दर मानसिक, शारीरिक तथा बौद्धिक विकास को प्रबल करना है। मानव जीवन में यह उम्र ऐसी उम्र होती है जिसे
गीली मिट्टी भी कहा जाता है। यह एक ऐसी आयु सीमा है जिसमें बच्चों का सवार्धिक बौद्धिक विकास होता है। हम भी इसी बात का ध्यान रखते हुए बच्चों के विकास के लिए खेल- खेल के माध्यम से उन्हें भविष्य में सफल नागरिक बनाने हेतु तैयार करते है। ताकि ये बच्चे यहाँ से जाकर अपने केंद्र पर आदर्श बच्चे बनकर उभरें और अन्य बच्चों को प्रेरित कर सकें। क्लास के लिए हमारी 6 माह की एक कार्य योजना है।
Hamar Angana 16
As you may know, Balghar Angan is a sub-unit of Parivartan Shiksha, which has been consistently working with children aged 3 to 6 years at Anganwadi centers for the past 10 years. As part of this effort, Balghar Angan is currently engaged with 52 Anganwadi centers across 21 villages.
The objective of Balghar Angan is to promote the physical, mental, and linguistic development of children through play, poetry, and storytelling. Another key goal is to strengthen the Anganwadi centers in the area by providing guidance and support to all sevikas and helpers.
Hamar Angana 17
Silent on the first day, speaking before the whole class the next, little Rukhsar now runs her tiny kitchen, gently telling everyone, ‘Just take a bite and see…’ Read Hamar Angana Issue 17 to discover stories of children journeying from silence to self-expression.