Govind Kumar Case Story

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मैं गोविंद कुमार साहनी मेरा गाँव गड़ार पंचायत के गड़ार गाँव में पड़ता है जो सिवान जिला के अंतर्गत है। मेरा जन्म दिनांक: 28/12/2012 में हुआ।
मेरे पिताजी का नाम स्वर्गीय अवधेश साहनी और माता का नाम इंद्रावती देवी है। हमारे परिवार में कुल छ: लोग हैं, जिसमें बहन एक और तीन भाई । मेरे पिताजी का देहांत बीमारी के कारण 2020 में हो गया था। मेरा बड़े भाई घर का पूरा जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लियें। लेने के बाद थोड़ा कठिनाई हुआ, धीरे-धीरे परेशानियां दूर होते गई । मेरा शुरुआती पढ़ाई गांव से हुई। मैं अभी राजकीय उच्च विद्यालय नरेंद्रपुर में पढ़ता हूँ, मैं क्लास 8 का छात्र हूँ।

 

आगे मैं बताना चाहेंगे की फुटबॉल खेल से कैसे जुड़ा ?
मैं 2022 में परिवर्तन संस्था नरेन्द्रपुर में फुटबॉल टूर्नामेंट का मैच देखने के लिए आया था । तो मैंने देखा बहुत से फुटबॉल खिलाड़ी फुटबॉल खेल रहे थे।तो मुझे भी उन लोगों को देखकर रुचि हुआ कि मैं भी फुटबॉल खेलने आऊंगा । तो मैंने फुटबॉल खेल के मैनेजर मिथिलेश सर से संपर्क किया। तो उन्होंने बताया कि यहाँ पर कबड्डी, फुटबॉल, साइकिलिंग, वॉलीबॉल इत्यादि का ट्रेनिंग दिया जाता है। तो मुझे फुटबॉल में रुचि हुआ तो मैं उनसे बोला कि मैं अगले दिन से फुटबॉल खेलने आऊंगा। मैं अगले दिन फुटबॉल खेलने आया तो कोच पवन सर से परिचय हुआ उन्होंने मुझे बहुत मदद किया । और यह भी बताया कि फुटबॉल में तुम अपना कैरियर बना सकते हो। तो मैंने अपना लक्ष्य समझ करके फुटबॉल खेलने लगा। मैंने अपना प्रथम खेल जिला स्तर पर प्रदर्शित किया। उसके बाद फुटबॉल कोच प्रियंका कुमारी के अंडर में S G F I खेल में अपना प्रदर्शन दिया। जिसमें मेरा राज्य स्तर पर चयन हुआ। जिसमे बिहार टीम के साथ मिलकर मैच और गोल्ड मेडल प्राप्त किया | इस खुशी के अवसर पर परिवर्तन के द्वारा भी मुझे पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया |

 

आगे मैं अपना कैरियर फुटबॉल में बनाना चाहते हैं जिसके लिए मैं नियमित अभ्यास सत्र में भाग लेते हैं |
मैं अपने दोस्तों को भी फुटबॉल खेलने के लिए कहते हैं और जोड़ने का प्रयास करेंगे |

 

आगे मेरा सपना है कि अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलकर अपने देश का नाम रौशन करें |

फुटबॉल कोच प्रियंका के द्वारा गोविन्द के शब्दों में |


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Divya Kumari

दिव्या 2017 से बाल रंगमंडली की कलाकार हैं और आज दिव्या सामुदायिक रंगमंच के साथ अपनी अभिनय क्षमता को निखार रही है। ये गाँव नरेन्द्रपुर से आती हैं और इनके पिता श्री शंकर पटेल बंगलोर में एक प्राइवेट कम्पनी में मकेनिक के पद पर कार्यरत हैं ।

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